
आज दोपहर करीब पौने दो बजे पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो का विमान दुबई से कराची पहुंचा तो वहां हज़ारों समर्थक उनके स्वागत के लिए पहले से उमड़े हुए थे। बेनज़ीर भुट्टो के पांव विमान से नीचे पड़े तो वे रो पड़ीं। इन पलों को आप इस फोटो में साफ देख सकते हैं। लेकिन परवेज़ मुशर्रफ के साथ हुए जिस करार के तहत आठ साल के स्वघोषित निर्वासन से उनकी मुल्क-वापसी हुई है, उसमें नहीं लगता कि वे खास कुछ करने की जहमत उठाएंगी। बस, कुछ खोखली भावुक बातें होंगी, हवाई वादे होंगे ताकि सत्ता का सुख उनकी झोली में फिर से आ जाए। ऐसे में उनके आंसू और रोने की यह अदा महज दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं लगती।
4 comments:
आप सही कह रहे हैं लेकिन जिस देश में फौजी शासन हो वहां कब क्या होगा कोई नहीं जानता। कभी भी किसी भी नेता को देश से बाहर कर दिया जाता है यदि बात नहीं माने तो मौत तय है।
देश वापसी पर भावुकता और रुलाई नैसर्गिक प्रक्रिया है। उसमें बहुत कुछ पढ़ने का प्रयास ही क्यों किया जाये?
मुझसे तो मोहतरमा का रोना देखा नहीं जा रहा. आँख भर आई और गला रौंध गया.
अब इतनी दूर से क्या करुँ? पाकिस्तान में होता तो कंधा आगे बढा देता कि सर रख कर दो बूंद रो लें.
अनिल भाई ..फ़ोटो के साथ मैटर भी अच्छा बन पड़ा है लेकिन बुरा न माने मुझे समीर भाई की टिप्पणी से ज़्यादा सहानुभूति है....हाय ! हम न हुए.
Post a Comment