
सबसे सस्ती टीम उपलब्धि में सबसे ऊपर। उसके बाद तीसरे नंबर की सस्ती (कीमत 7.60 करोड़ डॉलर) 20 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर। फिर चेन्नई सुपरकिंग्स (कीमत 9.10 करोड़ डॉलर) 16 अंकों से साथ तीसरे और दिल्ली डेयरडेविल्स (कीमत 8.40 करोड़ डॉलर) चौथे नंबर पर है। उपलब्धि के इन असल आंकड़ों ने बाज़ार के सारे आकलन को धराशाई कर दिया है और साबित कर दिया है कि हमारा बाज़ार performance और potential की नहीं, चेहरों की कीमत लगाता है। आज मुंबई इंडियंस के मालिक मुकेश अंबानी रो रहे हैं, रॉयल चैलेंजर्स के मालिक विजय माल्या सिर धुन रहे हैं, कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान विलाप कर रहे हैं और डेक्कन चार्जर्स का मालिक डेक्कन क्रोनिकल समूह रो रहा है तो उन्हें खिलाड़ियों पर तोहमत लगाने के बजाय बाज़ार की चाल की विवेचना करनी चाहिए।
आज सबसे ज्यादा खुश हैं तो राजस्थान रॉयल्स पर दांव लगानेवाली कंपनी इमर्जिंग मीडिया। इस कंपनी में तीन लोगों का पैसा लगा है। एक हैं मनोज बडाले जो Blenheim Chalcot नाम के निवेश समूह के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि राजस्थान रॉयल्स के मालिकों में मीडिया सम्राट रूपर्ट मरडोक के बेटे लैचलान मरडोक भी शामिल हैं जिन्होंने अपनी निजी निवेश कंपनी Illyria के ज़रिए इसमें पैसा लगाया है, हालांकि निवेश की रकम ज्यादा नहीं है। मनोज बडाले को उम्मीद है कि वो राजस्थान रॉयल्स की साख के दम पर विदेशियों के बीच राजस्थान के पर्यटन के प्रचार से भी अतिरिक्त कमाई कर ले जाएंगे।
खैर अभी आईपीएल में शामिल सभी आठों टीमों को अपनी लागत निकालने में दो से तीन साल लग जाएंगे। उम्मीद पर दुनिया कायम है तो इन्हें भी आनेवाले सालों में मुनाफा कमाने का पूरा भरोसा है। लेकिन आईपीएल की आयोजक बीसीसीआई की हालत यह है कि वर मरे या कन्या, सुमंगली से मतलब। मरे कोई पंडितजी को अपनी दक्षिणा से मतलब है। वैसे महाबाभन और गिद्ध तो औरों की मौत पर ही खिलखिलाते हैं। तो, इस साल बीसीसीआई को आईपीएल से 350 करोड़ रुपए का मुनाफा होने का अनुमान है।
आईपीएल की बदौलत मैच को दिखाने वाले चैनल सेट मैक्स की झोली में भी करोड़ों आने का अनुमान है। कितने करोड़? इसका पक्का आकलन तो नहीं है, लेकिन पहले वह हर मैच में 10 सेकंड के विज्ञापन का 2 लाख रुपए ले रहा था। अब सेमी-फाइनल और फाइनल में यह दर दस लाख रुपए प्रति 10 सेकंड हो चुकी है। अभी दो सेमी-फाइनल और एक फाइनल में कम से कम 9 घंटे का मैच होना है। इन 540 मिनटों में से अगर हर मिनट में औसतन 10 सेकंड का एक विज्ञापन भी दिखाया गया तो दो दिनों में ही सेट मैक्स को 54 करोड़ रुपए की कमाई हो जाएगी। अगले साल के लिए सोनी का अनुमान ज़रूर है कि वह 45 दिनों चलनेवाले इस टूर्नामेंट से लगभग 650 करोड़ रुपए कमाएगा।
चलिए, आईपीएल का पहला सेमी-फाइनल शुरू होनेवाला है। आप भी देखिए। मैं भी देखूंगा। कल दूसरा सेमी-फाइनल और परसों यानी रविवार को फाइनल। मनोरंजन का बाप आपका इंतज़ार कर रहा है। चलते-चलते एक बात और बता दूं कि चेहरों की चकाचौंध के पीछे बाज़ार और मनोरंजन उद्योग ही नहीं, मीडिया के बड़े-बड़े दिग्गज भी भागते रहे हैं। प्रणव रॉय ने जनवरी 2003 में अपने हिंदी चैनल एनडीटीवी इंडिया की शुरुआत से पहले आजतक से तमाम चेहरे तोड़ लिए थे। उन्होंने अपना USP इन्हीं चेहरों को बनाया था। इन चेहरों से सजे मोबाइल होर्डिंग महानगरों में घुमाए गए थे। लेकिन नतीज़ा? पांच साल बाद भी एनडीटीवी इंडिया हिंदी न्यूज़ के नए-पुराने 12 चैनलों में 7 फीसदी टीआरपी के साथ छठे नंबर पर त्रिशंकु बना अटका पड़ा है।