
पहले तो हम सिर्फ पत्नी (वाइफ) हुआ करती थीं। फिर घर की पत्नी (हाउसवाइफ) बन गईं। आगे बढ़कर हमने घर बनानेवाली (होममेकर) की पदवी हासिल की। और अब हमने छलांग लगा ली है। ऐसी तकनीकी तरक्की की उम्मीद भी हमने नहीं की थी।
अरे! अब हमें घरेलू इंजीनियर (डोमेस्टिक इंजीनियर) कहकर नहीं पुकारा तो बेलन ज़रूर खाएंगे। भाषाई पुलिस को कोटि-कोटि धन्यवाद।
Newspeak के अनुसार भाषाई पुलिस ने पोलिटिकली करेक्ट बनने के चक्कर में हमारे हिंदी अफसरों को भी मात दे दी है। कुछ और नमूने –
Ugly woman- plain jane नहीं visually challenging
Handicaped – physically challenged नहीं handicapable
Broken home – dysfunctional family
Psycho – pathologically high spirited
हींग(हर्र) लगे न फिटकरी। देख रहे हैं फिर भी कैसा चोखा रंग आ रहा है, कैसी उन्नति हो रही है!
4 comments:
हम तो लात खाए बैठे हैं.. आज तक पोलिटिकिली करेक्ट नहीं हो पाए..
अच्छा है सर, घर का भी समय ब्लॉगिंग को देकर घर में चैन से रहने का अच्छा नुस्खा निकाला है आपने।
बढ़िया..
अनिल जी,भाभी जी को कितना भी ब्लॉगिंग में वयस्त कर दें बेलन तो खाना ही पड़ेगा। क्योंकि बेलन ही एक ऐसा हथियार है जो परिवार को सुखी और उर्जावान बनाता है।
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