देश के माथे पर बिंदी या कलंक का टीका

कांग्रेस प्रतिभा पाटिल पर को-ऑपरेटिव बैंक, चीनी मिल, शिक्षा ट्रस्ट और सांसद निधि में घोटाला करने और हत्या के आरोपी अपने भाई को बचाने के आरोपों को बेबुनियाद मानती है। वह कहती है कि इन आरोपों के कोई दस्तावेज़ी सबूत नहीं है। वैसे आपको बता दूं कि इन आरोपों को अब हम दो दिन तक ही दोहरा सकते हैं। कह सकते हैं कि कैसी अंधविश्वासी महिला को हम आधुनिक भारत की राष्ट्रपति बना रहे हैं जो किसी मरे हुए शख्स से बात करने का दावा करती है। लेकिन कांग्रेस जानती है और हमें भी समझ लेना होगा कि राष्ट्रपति बन जाने के बाद हम प्रतिभा ताई की कोई आलोचना नहीं कर सकते, क्योंकि तब देश की महामहिम होने के नाते वे सारी आलोचनाओं और जवाबदेहियों से ऊपर उठ जाएंगी।
कांग्रेस और सरकारी वामपंथी बेशर्मी से कह रहे हैं कि प्रतिभा पाटिल देश की


इस बार का राष्ट्रपति चुनाव इसलिए भी दिलचस्प रहा कि अलग-अलग जेलों में बंद करीब आधा दर्जन सांसदों और पांच दर्जन विधायकों को भी वोट देने का पूरा मौका चुनाव आयोग ने मुहैया कराया। इस सहूलियत का फायदा उठाते हुए तिहाड़ जेल में बंद आरजेडी सांसद पप्पू यादव और बीजेपी सांसद बाबूलाल कटारा ने संसद में आकर वोट डाला। सीवान जेल में बंद आरजेडी सांसद शहाबुद्दीन ने पटना जाकर वोट डाला, जबकि दुमका जेल में बंद जेएमएम के सांसद और पूर्व कोयला मंत्री ने रांची में प्रतिभा ताई के मतों में 708 (प्रति सांसद नियत वोट) की संख्या जोड़ दी होगी।
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देश के माथे पर बिंदी तो नही हे लेकिन कलंक का टीका ही इस मोनिया ने लगा दिया हे के चारो तरफ़ अब दाग ओर दागदार ही नजर आते हे,
मोहरा चाहिए,जो मिल गया है.