लूट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
आप कहेंगे हमारे तमाम नेतागण तो इसी काम में लगे हैं। इंडिया को लूटने की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी समझ रखी है उन्होंने। सत्ता पर बैठते ही देश को लूटने का लाइसेंस मिल जाता है उन्हें। अगर सत्ता पर काबिज़ खानदान से आपका दूर का भी रिश्ता है तो आप इस देश के सैन्य प्रमुखों से भी ऊपर हो जाएंगे। नहीं तो क्या वजह है कि प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वढ़ेरा कुछ न होते हुए भी उन वीवीआईपी लोगों में शामिल हैं, जिनकी कोई सुरक्षा जांच हमारे हवाई अड्डों पर नहीं होती।
लेकिन मैं यहां नेताओं की जगज़ाहिर लूट की बात नहीं कर रहा। मैं यहां धर्म और रामनाम की बात भी नहीं कर रहा, जहां लूट शब्द का भले अर्थ में शायद इकलौता इस्तेमाल हुआ है। वो कहते हैं न कि रामनाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंतकाल पछताएगा जब प्राण जाएंगे छूट। मैं तो बात कर रहा हूं एक भारतीय कंपनी की जिसने अपना नाम ही रख रखा है लूट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड।
आज इसके बारे में सुबह-सुबह मैंने पढ़ा तो बस इच्छा हो गई कि आप सभी के साथ शेयर कर लूं। वैसे हो सकता है कि आप में से तमाम लोग इसके बारे में पहले से जानते हों। मुंबई की यह कंपनी डिस्काउंट पर कपड़े, जूते-चप्पल और पुरुषों व महिलाओं के पहनने की दूसरी चीजें बेचती है। देश भर में उसकी दुकानों की संख्या अभी 30 है, जिसे वह साल भर में बढ़ाकर 100 कर देना चाहती है। इसके लिए कंपनी 100 करोड़ रुपए जुटाने की जुगत में लगी हुई है।
वैसे, दुर्भाग्य से इसकी एक भी दुकान मैंने आज तक मुंबई में नहीं देखी है। पर, कंपनी कह रही है तो ज़रूर होंगी इसकी दुकानें। आज मिंट में जब इसके बारे में मैंने पूरी खबर पढ़ी तो मुझे कानपुर के ठग्गू के लड्डू याद आ गए, जिसका स्लोगन है – ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं। मैंने तो खाए नहीं हैं, लेकिन बताते हैं कि ठग्गू के लड्डू बड़े स्वादिष्ट होते हैं। इसी तरह नाम से तो लगता है कि लूट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारत को लूटने के अभियान पर निकली है। लेकिन हो सकता है कि डिस्काउंट स्टोर चेन की वजह से इसने अपना नाम ऐसा रखा हो। खैर, जो भी हो। इसके नाम में पकड़ तो है ही!!!
लेकिन मैं यहां नेताओं की जगज़ाहिर लूट की बात नहीं कर रहा। मैं यहां धर्म और रामनाम की बात भी नहीं कर रहा, जहां लूट शब्द का भले अर्थ में शायद इकलौता इस्तेमाल हुआ है। वो कहते हैं न कि रामनाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंतकाल पछताएगा जब प्राण जाएंगे छूट। मैं तो बात कर रहा हूं एक भारतीय कंपनी की जिसने अपना नाम ही रख रखा है लूट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड।
आज इसके बारे में सुबह-सुबह मैंने पढ़ा तो बस इच्छा हो गई कि आप सभी के साथ शेयर कर लूं। वैसे हो सकता है कि आप में से तमाम लोग इसके बारे में पहले से जानते हों। मुंबई की यह कंपनी डिस्काउंट पर कपड़े, जूते-चप्पल और पुरुषों व महिलाओं के पहनने की दूसरी चीजें बेचती है। देश भर में उसकी दुकानों की संख्या अभी 30 है, जिसे वह साल भर में बढ़ाकर 100 कर देना चाहती है। इसके लिए कंपनी 100 करोड़ रुपए जुटाने की जुगत में लगी हुई है।
वैसे, दुर्भाग्य से इसकी एक भी दुकान मैंने आज तक मुंबई में नहीं देखी है। पर, कंपनी कह रही है तो ज़रूर होंगी इसकी दुकानें। आज मिंट में जब इसके बारे में मैंने पूरी खबर पढ़ी तो मुझे कानपुर के ठग्गू के लड्डू याद आ गए, जिसका स्लोगन है – ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं। मैंने तो खाए नहीं हैं, लेकिन बताते हैं कि ठग्गू के लड्डू बड़े स्वादिष्ट होते हैं। इसी तरह नाम से तो लगता है कि लूट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारत को लूटने के अभियान पर निकली है। लेकिन हो सकता है कि डिस्काउंट स्टोर चेन की वजह से इसने अपना नाम ऐसा रखा हो। खैर, जो भी हो। इसके नाम में पकड़ तो है ही!!!
Comments
पता नहीं किसी ने अपने ब्लॉग का नाम "डकैत" क्यों नहीं रखा! :-)