जब मिट्टी में मिल गए मीडिया-सम्राट के मंसूबे
विदेशी पूंजी और तकनीकी दक्षता को राष्ट्रीय हित में कैसे इस्तेमाल किया जाता है, इसका सबक हमारी सरकार को चीन से सीखना चाहिए। ऐसा इसलिए ज़रूरी है क्योंकि हम लगातार अपने उद्योगों के दरवाज़े विदेशी पूंजी के लिए खोलते जा रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही सरकार ने एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस और टाइटैनियम खनन में 100 फीसदी विदेशी पूंजी लगाने की इजाज़त दी है। चीन ने भी एक समय मीडिया सम्राट रूपर्ट मरडोक को जमकर छूट दी थी। मरडोक को लगा कि वो चीनी मीडिया पर आनेवाले 50 अरब डॉलर के सालाना विज्ञापन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा आसानी से हड़प लेंगे। चीन सरकार चारा फेंकती गई और मरडोक निवेश बढ़ाते गए। लेकिन भरपूर निवेश पाने के बाद चीन सरकार ने उन्हें ठेंगा दिखा दिया। मरडोक के साथ हुई इस ‘दुर्घटना’ की दिलचस्प रिपोर्ट इसी 24 जनवरी को इकोनॉमिस्ट में छपी है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मरडोक ने बीस साल पहले ही तड़ लिया था कि चीन पैसे बनाने के लिए शानदार बाज़ार है। उन्होंने शुरुआत अपने बीवी-बच्चों के साथ चीनी नेतृत्व के साथ दावत उड़ाकर रिश्ते बनाने से की। फिर चीन में एक ऐसा सैटेलाइट टेलिविजन नेटवर्क बनाने की फिराक में लग गए जिसके जरिए विज्ञापनों से हर साल करोड़ों डॉलर कमाए जा सकें। मरडोक का मानना था कि वो जितना ज्यादा निवेश करेंगे, उतने ही ज्यादा सैटेलाइट डिश चीनी घरों पर नज़र आएंगे। लेकिन सैटेलाइट डिशेज पर चीनी सरकार ने नियंत्रण ढीला तो किया, मगर अभी तक छोड़ा नहीं है।
मरडोक नेताओं को पटाने की कला में माहिर हैं। उन्होंने तत्कालीन चीनी राष्ट्रपति जियांग ज़ेमिन पर निशाना साधा। ज़ेमिन से मिलने का समय लिया और फिल्मों के शौकीन इस नेता को उन्होंने टाइटैनिक फिल्म भी दिखाई जो उन्हीं की प्रोडक्शन कंपनी 20th Century Fox ने बनाई थी। लेकिन इस मुलाकात से चीन सरकार की नीतियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। हां, उसने मरडोक को इंटरनेट और प्रोग्रामिंग कंपनियों में जमकर निवेश करने का मौका दिया। मरडोक को पटाने के लिए उसने यहां तक कह डाला कि उनके प्रबंधन की शैली खास चीनी अंदाज़ के बहुत मिलती है। तारीफ से गदगद मरडोक निवेश बढ़ाते गए। लेकिन बदले में उन्हें चीनी नेतृत्व से वैसी रियायतें नहीं मिलीं, जिन्हें वो पश्चिमी देशों में प्रधानमंत्रियों या राष्ट्रपतियों के पक्ष में अच्छा संपादकीय छपवाकर बड़ी आसानी से हासिल कर लेते थे।
ऐसा भी नहीं है कि मरडोक को कुछ नहीं मिला। साल 2002 में उनके स्टार टीवी को गुआंगडोंग प्रांत में केबल सिस्टम के लिए प्रोग्रामिंग बेचने की अनुमति मिल गई। स्टार टीवी ने कोशिश की कि वह दूरदराज के क्विनघाई प्रांत को आधार बनाकर घरेलू केबल-टेलिविजन उद्योग में विदेशियों के आने पर लगी रोक में पिछले दरवाज़े से सेंध लगा ले। लेकिन इसकी भनक मिलते ही सरकारी अमला हरकत में आ गया और चीनी प्रचार विभाग ने स्टार टीवी को अपना बोरिया-बिस्तर बांधने पर मजबूर कर दिया। इससे स्टार टीवी को तीन से छह करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। फिर साल 2003 में जियांग ज़ेमिन की जगह हु जिनताओ आ गए। इसके दो साल बाद ही मरडोक चीन को लेकर हताशा में डूबते चले गए।
वैसे, चीन में पैर जमाने के लिए मरडोक ने और भी पापड़ बेले थे। 1998 में एक कॉकटेल पार्टी में रूपर्ट मरडोक की मुलाकात वेंडी देंग नाम की चीनी महिला एग्जीक्यूटिव से हुई। वेंडी ने येल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था और हांगकांग में स्टार टीवी के बिजनेस डेवलपमेंट विभाग में काम करती थी। मरडोक ने साल भर बाद ही इस चीनी महिला से शादी कर ली। वेंडी अब चीन में मरडोक की डॉट कॉम कंपनी MySpace.com की इनचार्ज हैं। यह कंपनी चीन में मरडोक के न्यूज कॉरपोरेशन के बिजनेस का केंद्र बन गई है।
लेकिन मरडोक को अब पूरी तरह समझ में आ गया है कि वो चीन में मनचाहा मुनाफा नहीं कमा सकते। सारी ताकत लगा देने के बावजूद वे चीन की सरकार से मनमाफिक काम नहीं करा सके। चीन में टेलिविजन रखनेवाले 38 करोड़ घरों में अभी तक विदेशी कंपनियों को घुसने की इजाज़त नहीं दी गई है। और, अगले महीने 11 मार्च को 77 साल के होने जा रहे मरडोक जानते हैं कि उनके जीते-जीते ऐसा होने के कोई आसार भी नहीं हैं।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मरडोक ने बीस साल पहले ही तड़ लिया था कि चीन पैसे बनाने के लिए शानदार बाज़ार है। उन्होंने शुरुआत अपने बीवी-बच्चों के साथ चीनी नेतृत्व के साथ दावत उड़ाकर रिश्ते बनाने से की। फिर चीन में एक ऐसा सैटेलाइट टेलिविजन नेटवर्क बनाने की फिराक में लग गए जिसके जरिए विज्ञापनों से हर साल करोड़ों डॉलर कमाए जा सकें। मरडोक का मानना था कि वो जितना ज्यादा निवेश करेंगे, उतने ही ज्यादा सैटेलाइट डिश चीनी घरों पर नज़र आएंगे। लेकिन सैटेलाइट डिशेज पर चीनी सरकार ने नियंत्रण ढीला तो किया, मगर अभी तक छोड़ा नहीं है।
मरडोक नेताओं को पटाने की कला में माहिर हैं। उन्होंने तत्कालीन चीनी राष्ट्रपति जियांग ज़ेमिन पर निशाना साधा। ज़ेमिन से मिलने का समय लिया और फिल्मों के शौकीन इस नेता को उन्होंने टाइटैनिक फिल्म भी दिखाई जो उन्हीं की प्रोडक्शन कंपनी 20th Century Fox ने बनाई थी। लेकिन इस मुलाकात से चीन सरकार की नीतियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। हां, उसने मरडोक को इंटरनेट और प्रोग्रामिंग कंपनियों में जमकर निवेश करने का मौका दिया। मरडोक को पटाने के लिए उसने यहां तक कह डाला कि उनके प्रबंधन की शैली खास चीनी अंदाज़ के बहुत मिलती है। तारीफ से गदगद मरडोक निवेश बढ़ाते गए। लेकिन बदले में उन्हें चीनी नेतृत्व से वैसी रियायतें नहीं मिलीं, जिन्हें वो पश्चिमी देशों में प्रधानमंत्रियों या राष्ट्रपतियों के पक्ष में अच्छा संपादकीय छपवाकर बड़ी आसानी से हासिल कर लेते थे।
ऐसा भी नहीं है कि मरडोक को कुछ नहीं मिला। साल 2002 में उनके स्टार टीवी को गुआंगडोंग प्रांत में केबल सिस्टम के लिए प्रोग्रामिंग बेचने की अनुमति मिल गई। स्टार टीवी ने कोशिश की कि वह दूरदराज के क्विनघाई प्रांत को आधार बनाकर घरेलू केबल-टेलिविजन उद्योग में विदेशियों के आने पर लगी रोक में पिछले दरवाज़े से सेंध लगा ले। लेकिन इसकी भनक मिलते ही सरकारी अमला हरकत में आ गया और चीनी प्रचार विभाग ने स्टार टीवी को अपना बोरिया-बिस्तर बांधने पर मजबूर कर दिया। इससे स्टार टीवी को तीन से छह करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। फिर साल 2003 में जियांग ज़ेमिन की जगह हु जिनताओ आ गए। इसके दो साल बाद ही मरडोक चीन को लेकर हताशा में डूबते चले गए।
वैसे, चीन में पैर जमाने के लिए मरडोक ने और भी पापड़ बेले थे। 1998 में एक कॉकटेल पार्टी में रूपर्ट मरडोक की मुलाकात वेंडी देंग नाम की चीनी महिला एग्जीक्यूटिव से हुई। वेंडी ने येल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था और हांगकांग में स्टार टीवी के बिजनेस डेवलपमेंट विभाग में काम करती थी। मरडोक ने साल भर बाद ही इस चीनी महिला से शादी कर ली। वेंडी अब चीन में मरडोक की डॉट कॉम कंपनी MySpace.com की इनचार्ज हैं। यह कंपनी चीन में मरडोक के न्यूज कॉरपोरेशन के बिजनेस का केंद्र बन गई है।
लेकिन मरडोक को अब पूरी तरह समझ में आ गया है कि वो चीन में मनचाहा मुनाफा नहीं कमा सकते। सारी ताकत लगा देने के बावजूद वे चीन की सरकार से मनमाफिक काम नहीं करा सके। चीन में टेलिविजन रखनेवाले 38 करोड़ घरों में अभी तक विदेशी कंपनियों को घुसने की इजाज़त नहीं दी गई है। और, अगले महीने 11 मार्च को 77 साल के होने जा रहे मरडोक जानते हैं कि उनके जीते-जीते ऐसा होने के कोई आसार भी नहीं हैं।
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