लालू का इंद्रजाल, हिंदी को अंग्रेज़ी का झटका

वैसे तो बिहारी लोग हिंदी बोलते हुए भी अंग्रेज़ी में नर्भसाने के लिए मशहूर हैं, लेकिन इस बार रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने बजट भाषण में अंग्रेज़ी शब्दों का इतने धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है कि आश्चर्य होता है कि इतना तगड़ा आमान-परिवर्तन कैसे हो गया। उनका पूरा हिंदी भाषण पढ़कर आप इसका लुत्फ ले सकते हैं। यहां मैं कुछ शब्दों और वाक्यों की बानगी पेश कर रहा हूं। तो, अर्ज़ कर रहा हूं, आप इरशाद बोलिए।

लाभांश पूर्व कैश सरप्लस, यात्रा समय को घटाकर थ्रूपुट बढ़ाना, थ्रूपुट संवर्धन, आइरन ओर मूवमेंट के नए डेडीकेटेट रूट, पीक सीजन में सरचार्ज और लीन सीजन में डिस्काउंट, यात्री गाड़ियों में ऑनबोर्ड सफाई की व्यवस्था, ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन, ऑपरेटिंग रेशियो, नेट सरप्लस, टॉप फॉर्च्यून 500 कंपनियां, मेगा इंटरप्राइज़, डिविडेंड, भारतीय अर्थव्यवस्था का ट्रांसपोर्ट मार्केट, स्ट्रैटजिक बिज़नेस यूनिट, प्रोफेशनल एजेंसी, कैपिटल इन्टेंसिव व्यवसाय में मार्जिन लागत, वॉल्यूम गेम खेलकर, टैरिफ कम कर, नॉन एसी स्लीपर, फुली एसी गरीब रथ, रेलवे को पार्टनर बनाना, वैगन टर्नराउंड टाइम घटाकर और पे लोड बढ़ाकर, हाई डेंसिटी नेटवर्क, एलईडी डिस्टिनेशन डिस्प्ले बोर्ड...

इसके अलावा लालू जी दस लाख टन को मिलिटन टन ही बोलते रहे। उन्होने जन उद्घोषक प्रणाली की बात की तो पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम भी बोले। हिंदी में अंग्रेज़ी शब्दों के तड़के की कुछ और बानगी – मॉड्यूलर टॉयलट, डिस्चार्ज फ्री ग्रीन टॉयलट के ट्रायल, मल्टी लेवल पार्किंग, हाई, मीडियम, लो लेवल प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन ट्रेन आगमन-प्रस्थान सूचना पट्ट, कोच इंडीकेशन डिस्प्ले बोर्ड, रेलवे इन्क्वायरी कॉल सेंटर, ऑनलाइन बेसिस पर, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, फ्रेट लोडिंग, पोर्ट ट्रैफिक मिशन, टाइम एंड कॉस्ट ओवर-रन, एसपीवी का कन्शेसन पीरियड, अपग्रेडेशन, प्लेटफॉर्म सेंटर की व्यवस्था।

अब कुछ वाक्यों पर गौर फरमाएं...
- वर्तमान में केवल कनफर्म ई-टिकट इश्यू होता है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमने वेटलिस्टेड ई-टिकट भी निर्गत करने का निर्णय लिया है।
- अनेक मार्ग पूरी तरह सैचुरेट हो चुके हैं।
- नेटवर्क का रूटवार विस्तृत अध्ययन कर एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है।
- लीजिंग कंपनियों को अपना लेसी चुनने अथवा बदलने के पूरे अधिकार दिए गए हैं। ये कंपनियां स्पेशल परपज वैगन, हाई कपैसिटी वैगन तथा कंटेनर वैगन लीज़ पर देंगी।

लेकिन इसके अलावा लालू ने अपने बजट भाषण में गतायु संपत्तियों, युक्तिकरण, कायाकल्प को चिरस्थाई बनाने, मितव्ययिता, साधारण संचालन व्यय और आमान परिवर्तन जैसे कठिन-कठोर पारंपरिक सरकारी शब्द भी इस्तेमाल किए हैं। उन्होंने इस बार भी जमकर शेरो-शायरी की है। उसमें से एक शेर...
जादू औ टोना हमने दिखाया था पिछले साल,
इस बार पूरा इंद्रजाल देख लीजिए।।

चलते-चलते लालू की संश्लिष्ट हिंदी और अंग्रेजी के मेल का एक और नमूना...
अद्भुत सृजनशीलता और जोखिम उठाने की भावना की बदौलत पिछले चार वर्षों में रेलवे का जादुई कायाकल्प हुआ है। 21वीं शताब्दी में विद्युत की गति से व्यावसायिक परिवेश में परिवर्तन हो रहे हैं। नित नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तथा नई तकनीक एवं विचारों को आत्मसात करने के लिए समन्वित प्रयास ज़रूरी हैं। अत: हमने रेलवे बोर्ड में एक बहुविभागीय इनोवेशन प्रमोशन ग्रुप का गठन करने का निर्णय लिया है।

Comments

अनिल जी, आप हिन्दी के अच्छे जानकार है। इस ओर आपका ध्यान जाना और टिप्पणी करना स्वाभाविक है। लेकिन मुझे लगता है कि रेल मंत्री लालू यादव ने अंग्रेजी शब्दों का जो इस्तेमाल किया है उसकी कुछ वजहें है जैसे - जब दिल्ली में रहते हैं तो आपसे मिलने जुलने वाले हिन्दी में बात करते हुये भी अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में आम लोग भी उसी के आदि हो जाते है। जो शब्द विदेशी है उनका हिन्दीकरण करने से हिन्दी भाषी भी ठीक तरह से नहीं समझ पायेंगें। स्टेशन अंग्रेजी शब्द है लेकिन बतौर हिन्दी इस्तेमाल होता आया है। ऐसे सैकड़ो शब्द है। आधुनिक मशिने विदेश से मंगाये जाते है उनके नाम अंग्रेजी में ही होंगे। उनका हिन्दीकरण करना मुश्किल होगा।
Yunus Khan said…
इसे कहते हैं पैनी नज़र । इसे किसी भी पैमाने पर ठीक नहीं कहा जा सकता । कोई तर्क कुतर्क वितर्क नहीं चलेगा ।
आँखो के आगे प्र.म. की कुर्सी नाचती है तब हिंगलिश ससूरी आपे हे आप निकलने लगती है.
कोनो तकलिफ है का?

अब वित्तमंत्रि अंग्रेजी को नष्ट-भ्रष्ट कैसे करते है वह देखते है.
Udan Tashtari said…
मुझे तो जिस आनन्द की अनुभूति हुई इस भाषण को सुनकर कि श्ब्दोम में बयान करना मुश्किल है....यही तो होना चाहिये. लालू जी जिन्दाबाद कहने को जी चाहता है..आप भी कहें न!!
क्या नज़र डाली है साहब आपने!!
azdak said…
भैया, यह तो भाषाई संरचना के स्‍तर पर बड़ा विशद, विरल, विहंगम 'टेक्‍स्‍ट' है.. जय नवका इंडिया!

Popular posts from this blog

मोदी, भाजपा व संघ को भारत से इतनी दुश्मनी क्यों?

चेला झोली भरके लाना, हो चेला...

घोषणाएं लुभाती हैं, सच रुलाता है