सॉरी, आप तो मर चुके हैं
अगर मैं परपीड़क यानी सैडिस्ट होता तो वाकई अब तक मर चुका होता। यह रहस्य मुझे तब पता चला जब मैं कल जापानी टॉय कंपनी के नए उत्पाद ‘क्लॉक ऑफ लाइफ’ के बारे में ज्यादा जानने के लिए गूगल पर सर्च कर रहा था। सर्च में जब मैंने Clock of Life डाला तो deathclock.com नाम की एक साइट का लिंक मिल गया। क्लिक किया तो जन्म की तारीख, साल, बॉडी-मास इंडेक्स और स्मोकर/नॉन-स्मोकर का खाना भरने के बाद एक और खाना था, जिसमें मुझे बताना था कि मैं सामान्य हूं, आशावादी हूं, निराशावादी हूं या परपीड़क हूं। सिगरेट तीन साल पहले छोड़ चुका हूं तो ज़ाहिर है नॉन-स्मोकर भरा। बीएमआई 25 से कम है। यकीनन समीर भाई का बीएमआई 25 से ज्यादा होगा। इतना सारा भरने के बाद असली खेल शुरू हुआ। मैंने पहले भरा कि मैं सामान्य हूं तो डेथ क्लॉक ने बताया कि मैं अभी 28 साल और जिऊंगा। जब मैंने आशावादी का विकल्प चुना तो मेरी उम्र इसके ऊपर 24 साल और बढ़ गई। अब मैंने खुद को निराशावादी घोषित किया तो पता चला कि महज दस साल और मेरे पास हैं। लेकिन जैसे ही मैंने खुद को परपीड़क बताया तो डेथ क्लॉक ने कहा, “I am sorry but your time has expired. Have a nice day”… इस घड़ी के मुताबिक नॉन-स्मोकर होने के बावजूद अगर मैं परपीड़क होता तो नौ साल पहले ही मर चुका होता।
अगर आप सिगरेट पीते हैं, ऊपर से सैडिस्ट हैं तो ये अच्छी बात नहीं है। वैसे इस क्लॉक ने कम से कम ये तो साबित कर ही दिया कि मैं और चाहे जो कुछ भी हूं, परपीड़क कतई नहीं हूं। आप भी परख सकते हैं कि आप सैडिस्ट हैं कि नहीं।
अगर आप सिगरेट पीते हैं, ऊपर से सैडिस्ट हैं तो ये अच्छी बात नहीं है। वैसे इस क्लॉक ने कम से कम ये तो साबित कर ही दिया कि मैं और चाहे जो कुछ भी हूं, परपीड़क कतई नहीं हूं। आप भी परख सकते हैं कि आप सैडिस्ट हैं कि नहीं।
Comments
लेकिन भीतर घुसे, देखा जांचा परखा तो पता चला कि हम जिंदा हैं ।
अच्छा है । समय समय पर ऐसी जांच होती रहना चाहिये । बहुत वेरी गुड है ।
उपलव्ध कराने के लिए धन्यवाद ।
हां यह साईट दो तीन साल पहले देखा था!!