6 अगस्त 1945 को अमेरिका के एटम बम ने जापान के हीरोशिमा शहर को बरबाद कर दिया था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुए इन हमले में हीरोशिमा की एक तिहाई आबादी यानी सत्तर हज़ार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
ये चित्र गोइची नकाता का बनाया हुआ है। तबाही के वक्त उनकी उम्र 41 साल की थी और 70 साल की उम्र में उन्होंने ये तस्वीर बनाई। बम धमाके से जब मां गिर गई तो उसकी गोद का बच्चा दो मीटर दूर जा गिरा और मर गया। आग की लपटों से बच्चे के शरीर का आधा हिस्सा जलकर काला पड़ गया। मां ने आखिरी सांस तक अपने बच्चे को उठाने की कोशिश की। लेकिन वह भी खाक हो गई। इसे कहते हैं मां के प्यार की गहराई...
3 comments:
जनाब आपकी भावनायों की क़द्र करता हू , ये मानव इतिहास की क्रूरतम घटनाए मे से एक हैं ,
चित्र अति मार्मिक है और आपकी प्रस्तुति भी. सच है कि यह घटना मानव इतिहास की क्रूरतम घटनाओं मे से एक है.
हम कल सुबह से ही इंतजार कर रहे थे आपने पोस्ट किया धन्यवाद ।
बधाई !
“आरंभ” संजीव का हिन्दी चिट्ठा
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