15 अगस्त में अब चंद दिन ही बचे हैं। देश 61वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस बीच देश की पूरी तस्वीर मन में उतारने की कोशिश कर रहा हूं। एक तरफ उभरता भारत है जो दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है। दूसरी तरफ वो भारत है जो शहरों की गलियों में, गांवों के खेत-खलिहानों में हलकान हुआ पड़ा है। इन दो तस्वीरों का कॉन्ट्रास्ट मैंने देखने की कोशिश की। आप भी देखिए। अलग-अलग नहीं, साथ-साथ देखिएगा। देखिए कि दोनों में कोई सेतु है, एक का होना दूसरे के होने से जुड़ा है या दोनों एकदम disjoint हैं?
मैं आज़ाद भारत हूं...
तो आखिर ये कौन है...
मतदाता जागरूकता गीत
4 weeks ago
2 comments:
बहुत अच्छे अनिल साहब, आपसे सहमत हूँ!
जिस दिन नीचे वाली तस्वीर बदलेगी उस दिन भारत एक आजाद ओर प्रगति शील देश होगा, आज नही हे,धन्यवाद
Post a Comment