एक अल्हड़-अक्खड़ गुजराती गीत

भोमिया विना मारे भमवा'ता डुंगरा,
जंगल नी कुंज-कुंज जोवी हती;
जोवी'ती कोतरो ने जोवी'ती कंदरा,
रोता झरणा नी आँख ल्होवी हती.
सूना सरवरियानी सोनेरी पाळे,
हंसोनी हार मारे गणवी हती;
डाळे झुलंत कोक कोकिला ने माळे,
अंतर नी वेदना वणवी हती.
एकला आकाश तळे उभीने एकलो,
पड़घा उरबोलना झीलवा गयो;
वेराया बोल मारा, फेलाया आभमां,
एकलो अटूलो झांखो पड्यो.
आखो अवतार मारे भमवा डुंगरिया,
जंगल नी कुंज-कुंज जोवी फरी;
भोमिया भूले एवी भमवा रे कंदरा,
अंतर नी आँखड़ी ल्होवी जरी.
जंगल नी कुंज-कुंज जोवी हती;
जोवी'ती कोतरो ने जोवी'ती कंदरा,
रोता झरणा नी आँख ल्होवी हती.
सूना सरवरियानी सोनेरी पाळे,
हंसोनी हार मारे गणवी हती;
डाळे झुलंत कोक कोकिला ने माळे,
अंतर नी वेदना वणवी हती.
एकला आकाश तळे उभीने एकलो,
पड़घा उरबोलना झीलवा गयो;
वेराया बोल मारा, फेलाया आभमां,
एकलो अटूलो झांखो पड्यो.
आखो अवतार मारे भमवा डुंगरिया,
जंगल नी कुंज-कुंज जोवी फरी;
भोमिया भूले एवी भमवा रे कंदरा,
अंतर नी आँखड़ी ल्होवी जरी.
Comments