बात इलाहाबाद के दिनों की है। पढ़ने में, देखने में, सुनने में... सब में अच्छे थे तो लड़कियों को ठेंगे पर रखते थे। लेकिन युवावस्था में साथी की तलाश किसे नहीं होती। मुझे भी थी। तो मैंने भी कहीं से मोहम्मद रफी का ये गाना सुना कि कहीं एक मासूम नाज़ुक-सी लड़की, बहुत खूबसूरत मगर सांवली-सी... बस क्या था संगिनी का सपना ऐसी ही छवि के इर्दगिर्द बुनता गया। दिक्कत बस इतनी रही कि इलाहाबाद में रहते हुए न तो ऐसी कोई लड़की मिली और मिली भी तो भायी नहीं। तो चलिए शनिवार का दिन है, थोड़ी फुरसत का दिन। आप भी सुन लीजिए वो मनोहारी गीत... वीडियो पर मत जाइएगा जो मुझे भी खास जमा नहीं...
मतदाता जागरूकता गीत
1 month ago
11 comments:
अनिल भाई । ये गाना फिल्म शंकर हुसैन का है ।
और जांनिसार अख्तर ने लिखा है । संगीतकार हैं खैयाम । फिल्म खास नहीं थी ये तो तय है । पर इसके सभी गाने अनमोल हैं और रेडियोवाणी पर मैंने इन गानों पर एक सीरिज़ की थी । ये गाने वहां उपलब्ध हैं । कहते हैं कि जावेद अख्तर ने अपने पिता की इसी रचना से प्रेरित होकर 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा'गाना लिखा था ।
"itna madhur geet sunane ke liye shukriya"
यह तो विशेष अनुरोध पर यूनुस जी ने सुनवाया था। बहुत पसंदीदा गीत है।
मुझे तो विडियो भी पसन्द आया।
yunus ji ka blog sabsey pehley isi gaaney KO search kar ke mila thaa mujhey.....gana fir se sunvaney ka aabhaar ANIL JI
पढ़ने में, देखने में, सुनने में... यहाँ तो तीनों में ही नमस्ते थे अतः लड़कियों को ठेंगे पर न रख पाये मजबूरीवश मगर गाना तो फिर भी बहुत पसंद है यह वाला. :) आपका आभार.
गाना दिल छू हो गया। इसे सुनवाने के लिए आपका धन्यवाद। आज पहली बार आना हुआ और आकर जी खुश हो गया।
"पढ़ने में, देखने में, सुनने में... सब में अच्छे थे तो लड़कियों को ठेंगे पर रखते थे। "
vaakaee jin ladkiyon me ye saaree kamiyaa hongee, unhi ko rakhate honge!
What about the girls who were better than you? ha. ha.., vo aap jaiso ko Thenge pe rakhatee hongee!!! :)
Anyway thanks for the song.
Bahut Sunder Geet Shukriya Sunwane ka. aur Video ki ladki bhi bahot Khoobsurat lagi.
apka yah gana fir bhi pasand aya .is film ke sabhi gane anamol hai.
तो ये आपके जमाने में भी... भला हो विविधभारती का. हम भी कुछ इसी मूड में सुनते थे/हैं.
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