उफ्फ! एलेक्सा से जो न हो जाए हलकान
करीब एक हफ्ते से मैं एलेक्सा से परेशान था। अब पता चला कि रवि रतलामी भी इससे उलझ गए और हड़बड़ी में हिंदी पर सर्वाधिक लोकप्रिय हिंदी पृष्ठ घोषित कर बैठे। बात अटपटी लगी तो संजय तिवारी ने चौंका डाला। तब तो कई दिनों से एलेक्सा में उलझे मेरे लिए चौंकना स्वाभाविक था। फौरन मैं जा पहुंचा एलेक्सा पर सर्वाधिक लोकप्रिय हिंदी साइट्स खोजने। पता चला कि हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़ी साइट्स में सबसे ऊपर है तरकश.कॉम। यह एलेक्सा के तराजू पर हिंदी की सबसे लोकप्रिय साइट्स की सूची के दूसरे पेज़ पर है और इसका 19वां क्रमांक है।
मैं आगे बढ़ा तो इस सूची में तीसरे पेज पर प्रतीक और पुनीत द्वारा संचालित मेरा हिंदी चिट्ठा 27वें और ब्लॉगवाणी 29वें स्थान पर है। छठें पेज पर अक्षरग्राम 53वें नंबर पर है, जबकि हमारा चिट्ठाजगत 54वें नंबर पर है। सातवें पेज़ पर जाकर नज़र आता है भड़ास जो 64वें स्थान पर है, जबकि हिंदी युग्म 66वें स्थान पर विराजमान है।
आगे बढ़ता-बढ़ता मैं पहुंचा आठवें पेज़ पर तो वहां नारद 75वें स्थान पर है, जबकि मोहल्ला 79वें स्थान पर है और ठीक उसके नीचे हैं दीपक जोक 80वें नंबर पर। नौवें पेज़ पर पाञ्जन्य और गीताप्रेस के बीच 85वें नबर पर फंसी है ज्ञानदत्त की मानसिक हलचल। इसी पेज़ पर 89वें स्थान पर है अजित वडनेकर का शब्दों का सफर। दसवें पेज़ पर 91वें स्थान पर हैं सारथी जी, जबकि 99वें स्थान है हिंदुस्तानी की डायरी और 100वें स्थान पर है रचनाकार।
अब शुरू होता है 11वां पेज़ जहां सबसे ऊपर अज़दक 101 नंबर पर हैं, जबकि 108वें स्थान पर रवि रतलामी का हिंदी ब्लॉग और 110वें स्थान पर मौजूद है आईना। 12वें पेज़ पर निर्मल आनंद 112 की गिनती पर है। संजय बेंगाणी की जोगलिखी 120वें स्थान पर है।
13वें पेज़ पर 124वें नंबर पर हैं एक शाम मेरे नाम वाले मनीष कुमार। इसी पेज़ पर दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका 125वें नंबर पर, टाइमपास 126वें स्थान पर, संजीव तिवारी का आरंभ 127वें स्थान पर, घुघुती बासूती 128वें नंबर पर और महाशक्ति 130वें स्थान पर स्थापित है। 14वें पेज़ पर शिव ज्ञान का नंबर 131, टूटी बिखरी का 135 और दीपकबाबू कहिन का नंबर 136 है। बाकी गिनती आप लोग कर सकते हैं। मेरा तो इतना गिनने में ही दम फूल गया।
आखिर में अब अपनी परेशानी बता दूं। पिछले हफ्ते यूं ही टेक्नोराटी में अपने लिंक देखते हुए मैं एलेक्सा पर जा पहुंचा। अपना ब्लॉग वहां देखकर बड़ी खुशी हुई। लेकिन मैं तब चौंक गया जब वहां मेरे ब्लॉग का संपर्क पता लिखा गया था:
9/4 IIIRD STREET
SUNDARAM COLONY
TAMBARAM WEST
CHENNAI
TAMILNADU 600045, INDIA
मैं बहुत कोशिश के बाद भी अपना पता सही नहीं कर सका। जब मैं दूसरे लोगों का भी पता चेक करने लगा तो मालूम चला कि ब्लॉगर पर भारत के जितने भी ब्लॉग हैं, सबका पता यही है और सबके साथ Sites that Link here की गिनती 80,298 की है। आज जब रवि रतलामी जैसे धुरंधर को एलेक्सा से उलझे देखा और संजय तिवारी को उससे चौंकते देखा तो मैंने सोचा कि लगे हाथ अपनी भी परेशानी बयां कर दूं।
मैं आगे बढ़ा तो इस सूची में तीसरे पेज पर प्रतीक और पुनीत द्वारा संचालित मेरा हिंदी चिट्ठा 27वें और ब्लॉगवाणी 29वें स्थान पर है। छठें पेज पर अक्षरग्राम 53वें नंबर पर है, जबकि हमारा चिट्ठाजगत 54वें नंबर पर है। सातवें पेज़ पर जाकर नज़र आता है भड़ास जो 64वें स्थान पर है, जबकि हिंदी युग्म 66वें स्थान पर विराजमान है।
आगे बढ़ता-बढ़ता मैं पहुंचा आठवें पेज़ पर तो वहां नारद 75वें स्थान पर है, जबकि मोहल्ला 79वें स्थान पर है और ठीक उसके नीचे हैं दीपक जोक 80वें नंबर पर। नौवें पेज़ पर पाञ्जन्य और गीताप्रेस के बीच 85वें नबर पर फंसी है ज्ञानदत्त की मानसिक हलचल। इसी पेज़ पर 89वें स्थान पर है अजित वडनेकर का शब्दों का सफर। दसवें पेज़ पर 91वें स्थान पर हैं सारथी जी, जबकि 99वें स्थान है हिंदुस्तानी की डायरी और 100वें स्थान पर है रचनाकार।
अब शुरू होता है 11वां पेज़ जहां सबसे ऊपर अज़दक 101 नंबर पर हैं, जबकि 108वें स्थान पर रवि रतलामी का हिंदी ब्लॉग और 110वें स्थान पर मौजूद है आईना। 12वें पेज़ पर निर्मल आनंद 112 की गिनती पर है। संजय बेंगाणी की जोगलिखी 120वें स्थान पर है।
13वें पेज़ पर 124वें नंबर पर हैं एक शाम मेरे नाम वाले मनीष कुमार। इसी पेज़ पर दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका 125वें नंबर पर, टाइमपास 126वें स्थान पर, संजीव तिवारी का आरंभ 127वें स्थान पर, घुघुती बासूती 128वें नंबर पर और महाशक्ति 130वें स्थान पर स्थापित है। 14वें पेज़ पर शिव ज्ञान का नंबर 131, टूटी बिखरी का 135 और दीपकबाबू कहिन का नंबर 136 है। बाकी गिनती आप लोग कर सकते हैं। मेरा तो इतना गिनने में ही दम फूल गया।
आखिर में अब अपनी परेशानी बता दूं। पिछले हफ्ते यूं ही टेक्नोराटी में अपने लिंक देखते हुए मैं एलेक्सा पर जा पहुंचा। अपना ब्लॉग वहां देखकर बड़ी खुशी हुई। लेकिन मैं तब चौंक गया जब वहां मेरे ब्लॉग का संपर्क पता लिखा गया था:
9/4 IIIRD STREET
SUNDARAM COLONY
TAMBARAM WEST
CHENNAI
TAMILNADU 600045, INDIA
मैं बहुत कोशिश के बाद भी अपना पता सही नहीं कर सका। जब मैं दूसरे लोगों का भी पता चेक करने लगा तो मालूम चला कि ब्लॉगर पर भारत के जितने भी ब्लॉग हैं, सबका पता यही है और सबके साथ Sites that Link here की गिनती 80,298 की है। आज जब रवि रतलामी जैसे धुरंधर को एलेक्सा से उलझे देखा और संजय तिवारी को उससे चौंकते देखा तो मैंने सोचा कि लगे हाथ अपनी भी परेशानी बयां कर दूं।
Comments
और आपका पता तो मेरे शहर का निकला.. ताम्ब्रम चेन्नई से लगभग बाहर है.. लोकल ट्रेन का आखिरी स्टेशन..
और ये पता मेरा ही नहीं, आपके ब्लॉग का भी होगा। जाकर देख लीजिए।
दर-असल सभी ब्लॉग्स पर चेन्नई का यही पता दे रहा है, शायद गूगल का स्थानीय ऑफिस पता यही हो इस कारण!
अरे वाह.. सभी के सभी चेन्नई आ गये, जहां हिंदी का शुरू से अपमान किया जाना ही सभ्यता रहा हो वही अलेक्सा ने हमलोगों का झंडा गाड़ दिया.. :D
दीपक भारतदीप
अनिल भाई , आप भी सही कहते हैं। जब भी इन चक्करों में उलझा हूं, कुछ न कुछ गड़बड़ी हुई है। गणित में वैसे ही अपन कच्चे हैं। नंबर जोड़ने में मुझसे अंको की घट-बढ़ वाली गलती मुमकिन है।
अब रोज़-रोज़ शब्दों का सफर करते करते ऐसा सफर भी कुछ बुरा नहीं :-) आप भी ऐसी ही सोच के तहत इस घाट आ पहुंचे होंगे। शुक्रिया...सही करने के लिए ।
संजीत सही कहते हैं। यहां गूगल का दफ्तर ही होना चाहिए ।
शब्दों के सफर पर प्रमोद जी कुछ ज्यादा भिन्नाए हुए लग रहे थे, पर यहां थोड़े शांत लग रहे हैं। आखिर मुंबईकर का ही तो धाम है फोकट आफत कौन मोल ले। अपन ठहरे भोपाली, सो ज़रा गर्मी दिखाई जा सकती थी )-:
जबकि 4 महीने पहले कोई पता दर्ज नही था, 4 माह पहले मेरा ब्लाग उत्तर प्रदेश की श्रेणी गीता प्रेस से उपर था,पर अब नही है :)
समय समय का खेल है :)
बधाई बहुत अच्छी मेहनत भरी पोस्ट