देश नौ जयचंदों के नाम जानना चाहता है
झारखंड मुक्ति मोर्चा के पांच, नेशनल कांफ्रेंस के दो और नगा पीपुल्स फ्रंट के एक सांसद को मिलाकर सरकार के पक्ष में कुल 263 ही सांसद थे। कोकराझार (असम), बाहरी मणिपुर और लद्दाख के तीन निर्दलीय सांसदों को भी मिला दें तो ये संख्या 266 तक पहुंचती है। फिर भी उसने 275 का आंकड़ा कैसे हासिल कर लिया? राष्ट्रीय लोकदल के तीन और जेडी-एस के दो सांसदों को मिलाकर विपक्ष के पास 264 सांसद थे, लेकिन उसका आंकड़ा घटकर 256 कैसे रह गया?
कौन से विपक्षी सांसद हैं जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की है? 541 में से छह सांसदों ने पहले ही विश्वास मत से अनुपस्थित रहने की अर्जी दे दी थी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, बीजेपी के हरीभाऊ राठोड़, शिवसेना के तुकाराम रेंगे पाटिल और मिजो नेशनल फ्रंट के एक सांसद शामिल हैं। इसके अलावा सदन में मौजूदगी के बावजूद किन चार सांसदों में मतदान में हिस्सा नहीं लिया? वैसे, बताते हैं इनमें से दो सांसद बीजेपी के हैं।
दस सांसदों के हाथ खींच लेने के बाद लोकसभा में मौजूद सांसदों की संख्या 531 रह गई, जिनसे से 275 का साथ मिलने से यूपीए सरकार बच गई। लेकिन वो कौन से नौ सांसद हैं, जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए सरकार के पक्ष में वोट दिए? देश आज इन सभी जयचंदों का नाम जानना चाहता है क्योंकि इन्होंने करोड़ों रुपए लेकर न केवल अपना ज़मीर बेचा है, बल्कि देश के लोकतंत्र का भी सौदा किया है।
इन नौ भितरघाती सांसदों ने सदन में रहते हुए क्रॉस वोटिंग की है। बताते हैं कि इनमें से चार बीजेपी के हैं। मौजूदगी के बावजूद वोट न देनेवाले दो सांसदों को जोड़ दें तो छह बीजेपी सांसदों ने यूपीए सरकार का साथ दिया। लेकिन नौ में से विपक्ष से सीधे-सीधे घात करनेवाले पांच और सांसद कौन से हैं? इनमें से कुछ सांसद शायद चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन जयचंदों के असली नाम शायद एकाध दिन में सारे देश के सामने आ जाएं।
कौन से विपक्षी सांसद हैं जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की है? 541 में से छह सांसदों ने पहले ही विश्वास मत से अनुपस्थित रहने की अर्जी दे दी थी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, बीजेपी के हरीभाऊ राठोड़, शिवसेना के तुकाराम रेंगे पाटिल और मिजो नेशनल फ्रंट के एक सांसद शामिल हैं। इसके अलावा सदन में मौजूदगी के बावजूद किन चार सांसदों में मतदान में हिस्सा नहीं लिया? वैसे, बताते हैं इनमें से दो सांसद बीजेपी के हैं।
दस सांसदों के हाथ खींच लेने के बाद लोकसभा में मौजूद सांसदों की संख्या 531 रह गई, जिनसे से 275 का साथ मिलने से यूपीए सरकार बच गई। लेकिन वो कौन से नौ सांसद हैं, जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए सरकार के पक्ष में वोट दिए? देश आज इन सभी जयचंदों का नाम जानना चाहता है क्योंकि इन्होंने करोड़ों रुपए लेकर न केवल अपना ज़मीर बेचा है, बल्कि देश के लोकतंत्र का भी सौदा किया है।
इन नौ भितरघाती सांसदों ने सदन में रहते हुए क्रॉस वोटिंग की है। बताते हैं कि इनमें से चार बीजेपी के हैं। मौजूदगी के बावजूद वोट न देनेवाले दो सांसदों को जोड़ दें तो छह बीजेपी सांसदों ने यूपीए सरकार का साथ दिया। लेकिन नौ में से विपक्ष से सीधे-सीधे घात करनेवाले पांच और सांसद कौन से हैं? इनमें से कुछ सांसद शायद चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन जयचंदों के असली नाम शायद एकाध दिन में सारे देश के सामने आ जाएं।
Comments
Aab bas Manmohan jee se ek hi gujaris hai ki WTO ke subsidy waale warta me bhi sastang dandwat ho jaaye America ke saamane, kya natak kar rahe hai dil ki jo ichchha hai usako bhi pura kar le, raag darbaari gaane waale bhaat aur paise se kharide jaane waale bhaand hai hi unake paas.
अखिर राजग की गन्दगी निकल गई, अब तो मैला ढोने की बारी कांग्रेस की है।