अनाम को ब्लॉक करें ताकि बना रहे आपसी भरोसा
छोटा था तो पिताजी एक बार बैल खरीदने के लिए सुल्तानपुर ज़िले में पड़नेवाले गुप्तारगंज के मशहूर मेले में साथ ले गए। वहीं मुझे पता कि बैल के दांत, कद-काठी या मोटा-तगड़ा होने के साथ ही उसे चलाकर देखना ज़रूरी होता है। नहीं तो पूरी असलियत पता नहीं चलेगी। ब्लॉगिंग की दुनिया में भी चलते रहने से ही नए-नए सच सामने आ रहे हैं। आपके नाम से कोई भी किसी के ब्लॉग पर टिप्पणी कर सकता है और आपको पता भी नहीं चलेगा। जब तक पता चलेगा, तब तक सामनेवाला आपके बारे में जल-भुनकर एक राय कायम कर चुका होगा। आप कहां तक और किस-किसको सफाई देते फिरेंगे।
अच्छी बात यह हुई कि कल के प्रकरण पर पहले तो Ghost Buster ने कुछ जानकारियां दी। प्रमोद ने उसमें कुछ और नुक्ते निकाले तो आखिर में Ghost Buster ने बड़ी मुकम्मल सी राय रखी है, जिस पर मुझे लगता है कि सब ब्लॉगरों को गौर करना चाहिए। उनके दो सुझाव है:
एक, अगर सभी ब्लागर एकमत होकर कमेंट्स के लिए anonymous का ऑप्शन हटा दें तो कोई आपके ब्लॉग पर किसी और के नाम से फर्जी टिप्पणी नहीं कर पाएगा।
दो, सभी ब्लागर्स को अपने प्रोफाइल में अपना चित्र जरूर शामिल करना चाहिए जो कि कमेंट के साथ दिखता है क्योंकि फ्रॉड लोग झूठे कमेंट के साथ ये फोटो नहीं लगा पाएंगे।
मुझे तो ये सुझाव बड़े काम के लगते हैं। लेकिन अकेले के मानने से मुश्किल आसान नहीं होगी क्योंकि मान लीजिए मैंने anonymous का ऑप्शन ब्लॉक कर दिया। लेकिन अगर आपने नहीं किया है तो आपके ब्लॉग पर कोई मेरे फर्जी नाम से कमेंट कर सकता है जिसमें मेरा ही प्रोफाइल दिखाई देगा। इसलिए अगर यह काम सभी ब्लॉगर एक साथ करेंगे, तभी किसी के भी नाम और प्रोफाइल के गलत इस्तेमाल को रोका जा सकता है।
कमेंट में anonymous के कमेंट रोकने का तरीका बड़ा आसान है। आप लॉग-इन करने के बाद सेटिंग्स में जाइए, वहां से कमेंट्स में। इसमें दूसरे नंबर पर दिखेगा – Who can comment? आप इसमें User with Google Accounts या Registered Users – includes OpenID में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं। Registered Users – includes OpenID का विकल्प चुनने से फायदा यह होगा कि वर्डप्रेस, टाइपपैड, एओएल पर खाते वाले लोग भी कमेंट कर पाएंगे। दोनों में से एक विकल्प चुनने के बाद save settings कर दीजिए तो फर्जी नाम से की जानेवाली टिप्पणियों पर रोक लग जाएगी। ब्लॉगर पर यह सुविधा है। वर्डप्रेस वाले कैसे कर सकते है, ये मुझे नहीं पता।
तो अंत में मेरा यही कहना है कि क्यों न हम सभी हिंदी ब्लॉगर मिलकर एक सामूहिक पहल करें और अपने ब्लॉग पर anonymous/अनाम/बेनाम टिप्पणियों का विकल्प ब्लॉक कर दें। इससे हमारा आपसी भरोसा कायम रह सकता है। कोई उसमें सेंध नहीं लगा पाएगा, एक-दूसरे के प्रति अविश्वास नहीं पैदा कर पाएगा। नहीं तो जानते ही हैं आज की दुनिया में भरोसा बड़ी भंगुर-सी चीज़ होता है। ज़रा-सा झटके से भर-भराकर टूट जाता है और एक बार टूट गया तो फिर से उसका जुड़ना बेहद मुश्किल होता है।
अच्छी बात यह हुई कि कल के प्रकरण पर पहले तो Ghost Buster ने कुछ जानकारियां दी। प्रमोद ने उसमें कुछ और नुक्ते निकाले तो आखिर में Ghost Buster ने बड़ी मुकम्मल सी राय रखी है, जिस पर मुझे लगता है कि सब ब्लॉगरों को गौर करना चाहिए। उनके दो सुझाव है:
एक, अगर सभी ब्लागर एकमत होकर कमेंट्स के लिए anonymous का ऑप्शन हटा दें तो कोई आपके ब्लॉग पर किसी और के नाम से फर्जी टिप्पणी नहीं कर पाएगा।
दो, सभी ब्लागर्स को अपने प्रोफाइल में अपना चित्र जरूर शामिल करना चाहिए जो कि कमेंट के साथ दिखता है क्योंकि फ्रॉड लोग झूठे कमेंट के साथ ये फोटो नहीं लगा पाएंगे।
मुझे तो ये सुझाव बड़े काम के लगते हैं। लेकिन अकेले के मानने से मुश्किल आसान नहीं होगी क्योंकि मान लीजिए मैंने anonymous का ऑप्शन ब्लॉक कर दिया। लेकिन अगर आपने नहीं किया है तो आपके ब्लॉग पर कोई मेरे फर्जी नाम से कमेंट कर सकता है जिसमें मेरा ही प्रोफाइल दिखाई देगा। इसलिए अगर यह काम सभी ब्लॉगर एक साथ करेंगे, तभी किसी के भी नाम और प्रोफाइल के गलत इस्तेमाल को रोका जा सकता है।
कमेंट में anonymous के कमेंट रोकने का तरीका बड़ा आसान है। आप लॉग-इन करने के बाद सेटिंग्स में जाइए, वहां से कमेंट्स में। इसमें दूसरे नंबर पर दिखेगा – Who can comment? आप इसमें User with Google Accounts या Registered Users – includes OpenID में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं। Registered Users – includes OpenID का विकल्प चुनने से फायदा यह होगा कि वर्डप्रेस, टाइपपैड, एओएल पर खाते वाले लोग भी कमेंट कर पाएंगे। दोनों में से एक विकल्प चुनने के बाद save settings कर दीजिए तो फर्जी नाम से की जानेवाली टिप्पणियों पर रोक लग जाएगी। ब्लॉगर पर यह सुविधा है। वर्डप्रेस वाले कैसे कर सकते है, ये मुझे नहीं पता।
तो अंत में मेरा यही कहना है कि क्यों न हम सभी हिंदी ब्लॉगर मिलकर एक सामूहिक पहल करें और अपने ब्लॉग पर anonymous/अनाम/बेनाम टिप्पणियों का विकल्प ब्लॉक कर दें। इससे हमारा आपसी भरोसा कायम रह सकता है। कोई उसमें सेंध नहीं लगा पाएगा, एक-दूसरे के प्रति अविश्वास नहीं पैदा कर पाएगा। नहीं तो जानते ही हैं आज की दुनिया में भरोसा बड़ी भंगुर-सी चीज़ होता है। ज़रा-सा झटके से भर-भराकर टूट जाता है और एक बार टूट गया तो फिर से उसका जुड़ना बेहद मुश्किल होता है।
Comments
जैसे ही बेनाम को बहिष्कृत करते हैं आप छापे की दुनिया के पाखंड में जा फंसते हैं। वही चोटी, जनेऊ व धोती की मुँहदिखाई हिन्दी दुनिया। इसलिए जब वही बस एक अंजुरी मिटृटी डालें और आगे चलें।
अपने ब्लॉग पर बेनाम कमेण्ट ब्लॉक करना, न करना व्यक्तिगत निर्णय हैं। आप उसे एक नेनो सेकेण्ड में ले सकते हैं। पर सामुहिक तरीके पर लागू कराना तो कठिन काम है। भांति भांति के लोग और भांति भांति के मत!
सुझाव नंबर दो ऐसे ही ब्लाग्स के लिए है. इन ब्लाग्स पर आपके कमेंट्स की authenticity आपका नाम नहीं बल्कि चित्र ही प्रमाणित करता है.
(२) (a) अनूप शुक्ल said...
पाण्डेयजी की बात सही है। सब लोग न मानेंगे। सबसे अच्छा है कमेंट माडरेट करने का तरीका। लेकिन फ़िर अनामी गाली-गलौज कैसे करेंगे? अभिव्यक्ति का उनका अधिकार कहां जायेगा? वैसे आप ज्यादा चिंता मती करो जी। मस्त होकर लिखते रहो जी।
(b) masijeevi said...
बेनाम ब्लॉगिंग सदैव से चिट्ठाकारी का आवश्यक तत्व रहा है तथा हमें आपको कभी कभार होने वाली तकलीफों के बावजूद यह चिट्ठाकारी का सबल पक्ष ही है। हमने सदैव बेनाम ब्लॉगिंग का समर्थन किया है
(c) संजय बेंगाणी said...
सही उपाय मोडरेशन ही है.
मोडरेशन कतई सही उपाय नहीं है. इसका इस्तेमाल तो आप तब करेंगे जब असली और फर्जी कमेंट्स में अन्तर कर पाएंगे. आईडी + पासवर्ड से किया गया कमेन्ट और Name/URL से किया गया कमेन्ट बिल्कुल एक समान लगते हैं, जैसा कि प्रमोद जी बता चुके हैं.
अनामियों की अपनी अभिव्यक्ति का रास्ता इस सुझाव से बिल्कुल बंद नहीं होता. गूगल एकाउंट से तो कोई भी अपनी टिप्पणी कर ही सकता है ना. ज्यादा खुरापात का मन हो तो चार-पाँच एकाउंट बना सकता है. लेकिन मुख्य बात है कि किसी और के नाम से फर्जीवाडा करके उसकी छवि बिगाड़ना तो सम्भव नहीं रहेगा जो कि इस वक्त की सबसे बड़ी चिंता है.
हिन्दी चिटठा संसार से हमारा परिचय सिर्फ़ महीना भर पुराना है लेकिन पिछले एक वर्ष में हमने अन्य फोरम्स में इस तरह के वाकये होते हुए देखे हैं. कई perverts को दोनों तरफ़ से फर्जी कमेंट्स देकर लोगों को पागलपन की हद तक बौखलाते हुए देखा है. अगर ऐसी अप्रिय स्थिति को टालना सम्भव हो तो कोशिश करने में क्या हर्ज है?
अनूप - ज्ञान - शिवकुमार
रवि रतलामी - देबाशीष - संजय बेगानी
मसिजीवी- नीलिमा - सुजाता
प्रत्यक्षा - अजदक
जीतेंद्र - पंकज - संजय
विपुल - आलोक
इस लिये वाह वाह से हट कर अनाम अपनी बात को पर्दे मे रह कर कहते हैं
और फिर जो आप को जानते हैं वह आप को समझते भी होगये क्योकि
people who matter dont bother and people who bother dont matter
leejyae farak kam kar diya
स्पष्ट कर दूं कि ब्लॉगिंग में Anonymous या अनाम-बेनाम से मुझे कोई एतराज नहीं है। यह तो एक तरीके की लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति है। मुझे आपत्ति है तो इस बार पर कि कुछ अनाम लोग सही इंसान का नाम देकर उसका दुरुपयोग करने लगे हैं। वह अनाम ही रहें तो बेहतर हैं, किसी का नाम इस्तेमाल न करें, इसका इंतज़ाम कैसे हो- मेरी चिंता इस बात को लेकर है।
बाकी इस तकनीकी बहस में हिस्सेदारी के लिए आप सभी का शुक्रिया क्योंकि इसे यकीन मानिए मुझे काफी ज्ञान-लाभ हुआ है।
हां! यह हुई मुद्दे की बात . कोई भी किसी के नाम का छद्म रचकर उसका दुरुपयोग कैसे कर सकता है ? यह तो सरासर फ़र्जीवाड़ा है .
अतः अनाम-बेनाम होना और बात है और किसी के नाम का दुरुपयोग दूसरी बात. कोई क्या कहता है महत्व इसका होना चाहिए,इसका नहीं कि कौन कह रहा है .