Saturday 23 February, 2008

ड्राफ्ट ब्लॉगर की सुविधा में कुछ तो लोचा है

कुछ दिनों पहले ज्ञान जी ने ज्ञान दिया कि ममता टीवी ने पोस्ट अभी लिखकर बाद में पब्लिश करने की कोई जुगत बताई है। मैंने फौरन जाकर मौका-ए-वारदात का मुआयना किया और इस सुविधा की जानकारी मिलने पर दुनिया भर के तमाम ब्लॉगरों की तरह गदगद हो गया। लगा कि महीनों की मुराद पूरी हो गई। मनीष जी के मुंबई आने पर मैंने विकास से यह सुविधा विकसित करने की गुजारिश की थी।

अगले ही दिन मैंने इस सुविधा का फायदा लेना शुरू कर दिया। रात को दो बजे सोने से पहले पूरी पोस्ट सुबह 6 बजे के लिए शिड्यूल कर दी। आराम से नौ बजे उठा और कंप्यूटर खोलकर देखा तो पोस्ट पर दो कमेंट आ भी चुके थे। लेकिन जब मैंने आगे पढ़ें की अपनाई गई जुगत पर क्लिक किया तो पूरी पोस्ट दिखी ही नहीं। ब्लॉगवाणी पर जाकर देखा तो वहां भी पोस्ट आगे पढ़ें के साथ अधूरी पड़ी थी। बाद में पता चला है कि दुनिया भर के बहुत सारे ब्लॉगरों को इस सुविधा के साथ यही समस्या पेश आ रही है। फिलहाल, ब्लॉगर वाले इसका समाधान निकालने में लगे हैं।

खैर, मुझे इस सुविधा का फायदा लेना ही लेना था तो मैंने आगे पढ़ें की सुविधा ही अपने ब्लॉग से निकाल डाली। लेकिन अब आ गई असली दिक्कत, जिसका समाधान ड्राफ्ट ब्लॉगर वाले भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह बड़ी देशज, भारतीय किस्म की समस्या है। पोस्ट सुबह 6.30 पर छपने के लिए शिड्यूल करके सो गया। सुबह उठकर 9.30 पर देखा तो पोस्ट पूरी छप गई थी। लेकिन ब्लॉगर मीट से जुड़ी पोस्ट पर तीन घंटे बाद भी कोई पढ़वैया नहीं आया था। मैं चौका। देखा तो ब्लॉगवाणी पर यह पोस्ट गई ही नहीं थी।

तो, ड़्राफ्ट ब्लॉगर की नई सुविधा के साथ हमारी नितांत हिंदुस्तानी समस्या यह है कि पोस्ट तय समय व तारीख पर छप तो जाती है, मगर एग्रीगेटर पर नहीं आती। लगता तो है कि इसका लेनादेना ज़रूर फीड भेजने के साधन से होगा। पर मेरा फीडबर्नर ठीक काम कर रहा है। फिर क्यों यह समस्या आ रही है? शायद औरों को पोस्ट शिड्यूल करने में दिक्कत नहीं आ रही है। तभी वो चैन से देर तक सो रहे हैं। लेकिन मैं क्या करूं? अपनी मुश्किल कैसे सुलझाऊं? कैसे यह काम हो जाए कि शिड्यूल पोस्ट छपते ही एग्रीगेटर पर भी आ जाए? रविजी, ई-स्वामी, श्रीशजी, तकनीकी चिट्ठा वाले गुरुजी और बालक ब्लॉग-बुद्धि... आप सभी सुन रहे हैं?

8 comments:

azdak said...

मैं रविजी, ई-स्वामीजी, श्रीशजी, तकनीकी चिट्ठा वाले गुरुजी और बालक ब्लॉग-बुद्धि वाला बालक तो नहीं, मगर हाथ पर हाथ धरे सुन रहा हूं.. सुनने के बाद हाथ हिला सकता तो अच्‍छी बात होती.. मगर फिर रविजी, ई-स्वामीजी, श्रीशजी, तकनीकी चिट्ठा वाले गुरुजी और बालक ब्लॉग-बुद्धि वाला बालक क्‍या करते?

Gyan Dutt Pandey said...

हम तो ज्ञान बांट कर पुन: अज्ञानी वाली खोल में चले गये हैं। आज हमने अपनी पोस्ट होशोहवास में छापी है। सोते हुये नहीं!

दिनेशराय द्विवेदी said...

इस का लोचा समझ नहीं आया। पोस्ट तो तुरंत ही प्रकाशित हो जाती है केवल समय वह जाता है जो आप तय कर देते है।

mamta said...

अनिल जी आज सुबह ८ बजे के समय पर ( schedule की हुई ) हमारी पोस्ट भी पब्लिश हुई थी पर ब्लोग्वानी मे दिख नही रही थी इसीलिए अभी दोबारा पब्लिश की है। माने की आज यहां भी गड़बड़ हो गई है।

बालकिशन said...

अपन के साथ तो ये समस्या आने से रही. महीने मे दो-चार पोस्ट लिखते है और भरी दोपहरिया छाप देते हैं.
और वैसे भी तकनीक-वकनिक के मामले मे कुछ ज्यादा ही फिसड्डी है अपन.

Sanjay Karere said...

अनिल क्‍यों परेशान हो रहे हैं भाई. सुबह छह बजे की जगह 9 बजे उठ कर भी डालेंगे तो पढ़ने वाले आपको पढ़ने आ ही जाएंगे. काहे को सिरदर्द मोल लेते हैं. मैं तो जब जिस समय मन हो लिखता हूं और कद्रदान पहंच ही जाते हैं. मजा लीजिए .... सिरदर्द नहीं

उन्मुक्त said...

मैं भी संजय जी के साथ हूं।

CG said...
This comment has been removed by the author.