नरेन्द्र भाई का एक सद्गुण

संजय भाई ने नरेन्द्र मोदी के दस अवगुण गिनाये तो मुझे लगा कि क्यों न उनका एक सद्गुण गिना दिया जाए। आज ही इंडियन एक्सप्रेस में एक रिपोर्ट छपी है जो बताती है कि वे झूठ बोलने में ज़बरदस्त महारत रखते हैं। उनके सत्य की कलई ख़ुद उन्हीं के सरकारी विभाग ने खोली है। आप भी यह रिपोर्ट पढ़ें और उनके इस सद्गुण की दाद दें। शुक्रिया।

Comments

Arun Arora said…
अरे वाह आपकी तो लाटरी निकल आई .. मोदी गरियाऊ समीती के चेयर मैन को और क्या चाहिये बधाई हो जी . वैसे आपको कसम है कभी भि ये अंधो वाला चशमा उतार कर किसी और मुख्यमंत्री या देश के केंद्रीय मंत्रियो की करतूते ना देखना. अगर दिख भी जाये तो गांधी के बंदरो की प्रतिमूर्ती बने रहने का आपका इत्ते साल का अनुभव किस काम आयेगा लगे रहो चिढनखोरी मे :)
Arun Arora said…
अरे माफ़ करना भाई आपको मै खामखा इत्ती बडी टिप्पणी दे गया , आप को मोदी नाम की रतौधी की बिमारी की वजह से दस भी पांच ही दिखाई देते है जरा सेकुलरता के लम्बरदार साहब किसी हकीम से इलाज करा ही लीजीये .खुदा आपको और ज्यादा जलने कुढने के मौके नसीब कराये तब के लिये चशमा ठीक करा लीजीये जी
अब अगर इस रिपोर्ट की बात करे जो किसी आप जैसे ही जल कुकडे ने दिल जलाकर लिखी है जिन्हे हमेशा आधा भरा ग्लास हमेशा आधा खाली नजर आता है तो जनाबे आली ,सेकुलर प्याली जरा आखो पर चशमा चढाकर पढे
रिपोर्ट को अगर सच भी मान लिया जाये तो 21 प्रतिशत के हिसाब से 1 लाख तीस हजार करोड़ का निवेश हुआ है (उसी लेख के अनुसार) किस माई-के-मुख्यमंत्री में इतना बूता है जो इतना निवेश लाया हो/
जिनकी आंखे चांद कि ही चमक से चौंधिया जाये, उन्हें सूरज की और नज़र नहीं उठानी चाहिये
वरना पैंट में हू सुस्सू हो जायेगी
कमीनिस्ट बंगाल को पिछले 5 साल में मिला है इतना निवेश

बोलती बंद हो गई ना . खाली पीपनी बजाना आप जैसे दो धेले के टुच्चे लोगो का धंधा है उसे करते रहे आखिर आपने भी जिस पार्टी से पैसा खाया है उसे पूरा करना ही है ना जी
वैसे आपके वो सुना है कुत्ते भौकते है हाथी अपनी राह चलता है

नही जी मै कुछ नही कह रहा ये तो कहावत है आप जैसे लोगो के लिये
यार आप भी ना...जितना होता है उससे कम कर देते हो. मैने मात्र दस कारण बताए और आपने उसके भी कम कर पाँच कर दिये.

चलिये किसी ने एक लाख तीस करोड़ तो माना. वही सही. क्या यह कम है?
क्‍या जबर्दस्त कलई खोल दी है आपने नरेंद्र मोदी जी की इंडियन एक्‍सप्रेस के माध्‍यम से! जरा इसी अखबार के लीड स्‍टोरी पर भी ध्‍यान दे लेते। मोदीजी ने तो खैर अच्‍छे ही काम किए हैं पर आपके नेताजी ने आपको कहीं का नहीं छोडा। घुसखोरी के रूप में करोडों रूपए डकार गए वो भी राज्‍य सचिव स्‍तर के कॉमरेड। ‍
sanjay bhai paanch ka dus kar diya. galati sudhar li.
सर्द मौसम में कुछ गर्माहट आई!
Anonymous said…
well, well, well pangeji,

jal kudh kaun raha hai itni sundar bhasha ka prayog karke; yah clear hai!

"आखिर आपने भी जिस पार्टी से पैसा खाया है उसे पूरा करना ही है ना जी "
BHI - yeh kya aapne aapni hi pol khol di!
'आप जैसे ही जल कुकडे ने दिल जलाकर लिखी है...'

'किस माई-के-मुख्यमंत्री में इतना बूता है जो इतना निवेश लाया हो/...'

'वरना पैंट में हू सुस्सू हो जायेगी ...'

आरणीय पंगेबाजजी, आपकी दूसरी टिपण्‍णी में उपर्युक्‍त अंशों का उपयोग अनावश्‍यक और 'भारतीय संस्‍कृति' के हिसाब से अनुचित भी जान पड़ता है. या फिर राम-राज्‍य वाले हिन्‍दू-राष्‍ट्र में ऐसा ही लिखा-बोला जाएगा! अगर यही सही, तो फिर भइया 'म्‍लेच्‍छों का राज तो बड़ा भला ठहरा. बोली, भाषा और लेखन में संयम का 'पाठ' भगवान राम के 'उद्धारकों' को ही पढ़ाते सुना है. पर न जाने क्‍यों भक्‍तगणों का धैर्य क्षण भर में क्‍यों जवाब दे जाता है!!

उम्‍मीद है आप फिर ऐसे ही कुछ विशेषणों से मुझे भी नवाज़ेंगे. आपका हक़ है. पर प्रतिक्रिया में नहीं, ज़रा ठहर कर सोचिएगा कि आपकी कथनी और करनी में ये भेद क्‍यों हैं.
Alok Nandan said…
GIDC MD says Modi's figures authentic

Maheshwar Sahu, Managing Director of the Gujarat Industrial Development Corporation (GIDC), who made the VGGIS 2009, presentation for the state government on Wednesday with Modi by his side quoting those, said he cannot comprehend the huge discrepancies between the figures.

“I have absolutely no idea why and how the state Industries Commissioner came up with such figures in reply to an RTI application. There must be some catch somewhere. The figures that the chief minister himself announced are authentic. We reiterate that over 60 per cent of the proposed investments during the earlier VGGIS have either been commissioned or are under implementation,”. Sahu added that the issue would be inquired into.

Fact ko lekar hone wale viwadon per puri khabar dene ki jarurat hai....
PD said…
काहे की सर्दी ज्ञान जी? यहां तो गर्मी ही गर्मी है.. सर्दी का नाम भी भूल गये हैं..
आप को ऊपर बहुत बधाइयाँ मिल चुकी हैं। हमारी भी एक बधाई!
chaliye aap vaapas to aaye itane dino baad.


"Bhakt-GanNo" ne aashirwaad kee jhaDee lagaa dee hai.!!!!!!
कीचड़ भी उन्‍ही पर उछालने का प्रयास होता है जिनके दामन गंदे होते है, आपने कम शब्‍दो में बहुत ज्‍यादा मेहनत किया, हमारी बधाई स्‍वीकार करें।
सही है दुबारा सक्रिय तो हुये कम से कम!
Arun Arora said…
प्रिय राकेश जी आपका संदेश पढा . चलिये आपके संदेश का जुगाड करने के बाद रघुराज जी हमारे टिपियाये को प्रकाशित करने का कार्य तो कर पाये
महोदय हम आपकी तरह किसी के बारे मे पहले से ही तय करके नही बैठ जाते कि इसे गालिया देनी ही है . यही अंतर है भारत और अमेरिका के लोकतंत्र मे यहा आप जैसे लोग तय कर के काम करते है जैसे तहलका के महानुभावो को काग्रेस से बीजेपी का स्टिंग आपरेशन करने का ठेका मिला था क्या उसके बाद की सरकार मे कॊइ भ्रष्टा चारी इन्हे नही मिला . लेकिन अब इन्हे ऐसा नही करना है ठीक ऐसे ही आप जैसे लोगो ने गुजरात मे मीडिया का भौंडा रूप[ दर्शाया था जिस्का काम नयूट्रल रहने के बजाय मोदी हराओ था आप लोगो ने जनता की आवाज को दबाने की बदलने की नाकाम कोशिश की जो एक निहायत भद्दी और घटिया तथा टुच्ची और ंइडिया के नाम पर कलंक वाली हरकत थी . आप लोगो की तमाम इच्छाओ के बाद भी जब जनता ने मोदी को चुना तो आप उसे हजम नही कर पाये आप लोगो ने जनता से मोदी तक को फ़िर भी उलटा सीधा कह डाला पुराने आकडो तक का पोस्ट मार्टम कर आप अपने आप्को ये समझने मे जुटे रहे कि अबकी बार मोदी को पहले से कुछ कम वोट तो मिले ही है बाकी सारे देश मे आपकी बिनाई ( दिखाई देना)कुछ कमजोर हो जाती है शायद ये सेकुलर रतौधी की वजह से ना ? कितने कारण गिना सकता हू मै आप लोगो के अंधेपन के . कशमीर से लेकर क्न्या कुमारी तक . लेकिन क्या फ़ायदा एक बिके हुये कुतर्की आदमी को समझाने का एक अंधे को शीशा दिखाने का उम्मीद है आप समझ रहे ह्पंगे की मै आपको क्या समझा रहा हू . अगर इत्ते लिखे मे से दो चार ग्राम भि समझ मे आया हो तो फ़ौरन लिखे , मै ऐसे आदमी को जिसकी अंतर आत्मा अभी पूरी तरह से मरी नही है बचाने के लिये पूरा कोर्स देने को तैयार हू :)
fgfgdg said…
नरेन्द्र मोदी झूठा है चढा दो फासी पर। (इस ब्लाग के लेखक तो हरिशचन्द्र जी के स्कूल से पढ़ कर आयें हैं लगता है) बुरा जो देखन में चला बुरा ना दिखा कोई जो दिल ढूढा आपना मुझ सा बुरा ना कोय।

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