tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post9138140270943344496..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: महामहिम की नसीहतअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-1938630946328884392007-07-17T10:02:00.000+05:302007-07-17T10:02:00.000+05:30कलाम साहब के सवाल और हमारी समझ के बीच का फर्क पूछत...कलाम साहब के सवाल और हमारी समझ के बीच का फर्क पूछता है कि पहले मुर्गी या पहले अंडा। ज़िम्मेदारी एक दूसरे पर डालने की बात है और कुछ नहीं। <BR/><BR/>पर आपके तर्कों का इंतज़ार रहेगा।उमाशंकर सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17580430696821338879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-67245123935806705902007-07-17T07:06:00.000+05:302007-07-17T07:06:00.000+05:30अनिल भाईआपकी लेखनी का मैं हमेशा से मुरीद हूँ, शायद...अनिल भाई<BR/><BR/>आपकी लेखनी का मैं हमेशा से मुरीद हूँ, शायद बेहतर शब्द होगा गुलाम हूँ. कुछ भी विरोध में नहीं कह सकता.<BR/><BR/>बस यही कहना चाहता हूँ कि कलाम साहब व्यक्ति के रुप में पूजनीय हैं. उनके विचार पूजनीय हैं मगर न जाने क्यूँ जब अमल करने की बात आई राष्ट्रपति के तौर पर, तो सभी सिद्ध व्यक्तियों की तरह वो मुझे कुछ जंजीरों में जकड़े से लगे और यह सिद्ध करते नजर आये कि कह देना सरल है, अमल करना मुश्किल...न जाने आप अगली कड़ी में क्या कहने जा रहे हैं. मगर अगर मैने ज्यादा कह दिया हो तो पहले ही क्षमा मांग लेता हूँ. अल्प बुद्धी हूं और अपनी समझानुसार लिख दिया. :)<BR/><BR/>मुझे तो उनके पूरे कार्यकाल में अफजल की फांसी रोके जाने के सिवाय कोई भी उल्लेखनीय बात समाचारों में तो नजर नहीं आई, मेरी सूचना का आधार समाचार ही हैं और यह तो हर आम नागरिक की नजर में गलत था. बस एक डिसिजन और वो भी आपत्तीजनक...अब सोनिया जी की बात मत उठाईयेगा...वो प्रेशर पालिटिक्स थी..सोचे समझे षडयंत्र क तहत. :) उसे ज्ञानी POA यानि पॉलिटिक्स ऑफ एडजेस्टमेंट भी कहते हैं. :) जैसे नरसिंह राव के समय POP चला करती थी..पॉलिटिक्स ऑफ पोस्टपोनमेन्ट...याद आया??? हर चीज सो कर टाल दो, अपने आप समस्या हल हो जायेगी.<BR/><BR/>भाई, आपके विचारोतेजकलेख के लिये साधुवाद. मेरे व्यवहार के खिलाफ आपकी चाहत में लंबी टिपाणी हो गई. प्यार से लेना. :) यही आशा है कि नाराज नहीं होए मुझसे वरना टीप डिलिट कर देना.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-77042028564687210802007-07-17T02:25:00.000+05:302007-07-17T02:25:00.000+05:30अनिल जी इस पत्र में कुछ बातों से सहमत लेकिन कुछ से...अनिल जी इस पत्र में कुछ बातों से सहमत लेकिन कुछ से असहमत. असहमति के तर्क बहुत लंबे हैं, यहां सिर्फ इतना कहूंगा कि कलाम साहब की हर बात को अहोभाव से न देखा जाए.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-46706418076134545312007-07-16T21:59:00.000+05:302007-07-16T21:59:00.000+05:30कलाम साहब मुझे देश के सबसे सुलझे राष्ट्रपति लगते ...कलाम साहब मुझे देश के सबसे सुलझे राष्ट्रपति लगते हैं । आज ही टी.वी.पर देखा, पत्रकार कुर्सियों पर विराजमान थे और महामहिम कलाम साहब मंच पर फर्श पर बेतकल्लुफी से बैठे उनसे चर्चा कर रहे थे । अद्भुत । अनोखा । अद्वितीय । ये आलेख तो सबको मेल करना चाहिये । और प्रार्थना करना चाहिये कि सब अमल करें ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.com