tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post8935363645712576122..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: शंकर का दर्शन मिटेगा, गीता किताब भर बचेगीअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-44578703415986657852007-12-20T12:23:00.000+05:302007-12-20T12:23:00.000+05:30हर सचेत व्यक्ति को अपने कर्म को संबल देने के लिए क...हर सचेत व्यक्ति को अपने कर्म को संबल देने के लिए किसी प्रेरक दर्शन की आवश्यकता होती है। परिस्थिति, पृष्ठभूमि और प्रासंगिकता के हिसाब से वह अपने लिए अनुकूल दर्शन चुन लेता है। दर्शन, सत्य को समझने का देश-काल-परिस्थिति सापेक्ष नजरिया है। हर व्यक्ति को अपने अनुकूल दर्शन का चुनाव खुद ही करना होता है। लेकिन व्यक्ति का मन जीवन के अलग-अलग दौर में अलग-अलग देश-काल-परिस्थितियों से गुजरता है और उसी हिसाब से उसका दर्शन भी बदलता रहता है। दर्शन तो अपनी जगह कायम रहता है, लेकिन किसी व्यक्ति विशेष के लिए उसकी प्रासंगिकता बदलती रहती है। <BR/><BR/>आज तक जितने भी दर्शन मानव जाति को उदघाटित हुए हैं, और आगे उदघाटित होंगे, वे सभी हमेशा किसी न किसी के लिए प्रासंगिक रहेंगे। न तो शंकर का अद्वैत मिटेगा और न ही गीता का निष्काम कर्मयोग।Srijan Shilpihttps://www.blogger.com/profile/09572653139404767167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-3662306025828558232007-12-20T12:15:00.000+05:302007-12-20T12:15:00.000+05:30मुझे आपकी बात सही लगती है पर जितनी तेज गति की बात ...मुझे आपकी बात सही लगती है पर जितनी तेज गति की बात आप कर रहे वो शायद सही नही है. <BR/>लेकिन इन चीजों का अस्तित्व पूर्ण रूप से कभी भी ख़त्म नही हो सकता ये पीढ़ी दर पीढ़ी आगे जाती जायेंगी और समय`समय पर लोगों को प्रभावित भी करेंगी.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-35207791314663896822007-12-20T11:11:00.000+05:302007-12-20T11:11:00.000+05:30itna nirash hone kee zaroorat naheen hai anilji. j...itna nirash hone kee zaroorat naheen hai anilji. jis darshan ko karodon log jeete hon usaka koi kuchh naheen bigaad sakata.विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-56955138353573812952007-12-20T10:30:00.000+05:302007-12-20T10:30:00.000+05:30अद्वैत की तो पक्का नहीं कह सकता पर गीता तो मुझे भव...अद्वैत की तो पक्का नहीं कह सकता पर गीता तो मुझे भविष्य का मोटिव फोर्स लगता है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com