tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post8650575784728003364..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: ऊपर-ऊपर की बातें दिखाकर सच छिपा जाते हैं लोगअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-44949787978786303142008-03-19T23:12:00.000+05:302008-03-19T23:12:00.000+05:30अपने स्वार्थ के लिए अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन और ...अपने स्वार्थ के लिए अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन और सद्दाम हुसैन को पैदा किया. एक को ख़तम कर दिया और दूसरे के पीछे पड़े है.<BR/>इससे ही अमेरिका की दोहरी नीति का पता चल जाता है. रही बात अमेरिका मे आई आर्थिक मंदी की तो आपका आकलन सही है. मुख्य कारण तो अमेरिकी बैंकों<BR/>की घरेलू ब्याज के मामले मे दिखाई गयी दरियादिली ही है. इस आर्थिक उथल पुथल ने एक बात तो साबित कर दी है की अमेरिकी बाज़ार काफ़ी हद तक चीन और जापान जैसे देशों के पास पड़े federal US debt पर निर्भर करता है. और अगर trade deficit इसी तरह बढ़ता रहा तो अमेरिका की आर्थिक स्थिति बेहद कमज़ोर हो जाएगी. डॉलर से ही विश्व के सभी आर्थिक समीकरण बनते और बिगड़ते है. डालर के मज़बूत रहने मे ही सबकी भलाई है.vikas pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02670834610081293845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-78620049010172241372008-03-19T21:44:00.000+05:302008-03-19T21:44:00.000+05:30अनिल जी ,आपके लेखन का कायल हो गया हूँ मैं !सन्दर्भ...अनिल जी ,<BR/>आपके लेखन का कायल हो गया हूँ मैं !<BR/>सन्दर्भ की समझ और समझदार सन्दर्भ का दुर्लभ योग <BR/>आपके विचारों को प्रवाह के साथ विश्वसनीय बनाते हुए <BR/>आश्वस्त करता है कि <BR/>एक हिन्दुस्तानी की डायरी में<BR/>सच की जगह बुनियाद में है .<BR/>इसीलिए तो ऊपर-ऊपर की बातें दिखाकर सच छुपाने वाले <BR/>आपसे बचकर नहीं निकल पाते है ! <BR/>मौज़ूदा पोस्ट भी इसकी मिसाल है.<BR/><BR/>और हाँ !<BR/>मेरे ब्लॉग की पिचकारी आपको रास आई<BR/>मैं तो आपकी बौछारों का कद्रदान हूँ .<BR/>होली की बधाई स्वीकार कीजिए .Dr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-74809921635864193462008-03-19T20:27:00.000+05:302008-03-19T20:27:00.000+05:30bahut sahi aur satik likha hai aapne.kitna bhi kah...bahut sahi aur satik likha hai aapne.<BR/><BR/>kitna bhi kahen america wohi rahne wala hai.chahe wah aaj mandi ke daur se gujur raha ho-is ka karan sach mein yudhh nahin hain- sahi likha hai aapne-------kuch bhi ho magar america apni nitiyan kabhi change nahin karega yah to tay hai.<BR/><BR/>-Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-20790979731578410422008-03-19T20:04:00.000+05:302008-03-19T20:04:00.000+05:30अमेरिका को बहुत कुछ मिला अनिल जी! खर्च चाहे जो हुआ...अमेरिका को बहुत कुछ मिला अनिल जी! खर्च चाहे जो हुआ हो पर इससे दुनिया पर उसका दबदबा नए सिरे से कायम हो गया. अब है कोई मई का लाल जो उसकी तरफ़ आँख उठा कर देखे? यही आतंकवाद का असली चेहरा है. चौधराहट का इससे भयंकर नमूना और क्या होगा की एक ऐसा देश दूसरे देशों को आंतकवादी होने या न होने का प्रमाणपत्र बाँट रहा है जो ख़ुद राजनीतिक-कूटनीतिक आतंकवाद का वास्तविक प्रणेता है. भारत की तरह थोड़े ही की जिसके जी में आए चार लात लगा कर चला जाए और हम अहिंसा का पाठ करते रहे!इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-47132707267712704772008-03-19T19:50:00.000+05:302008-03-19T19:50:00.000+05:30इसके लिए बुश प्रशासन की जितनी भी भर्त्सना की जाए ,...इसके लिए बुश प्रशासन की जितनी भी भर्त्सना की जाए ,कम होगी !<BR/>आपका चिंतन सारगर्भित है ....!रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.com