tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post8324432141094053307..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: कैसी कर्जमाफी कि मरते ही जा रहे हैं किसान?अनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-50573003832161540942008-03-30T02:00:00.000+05:302008-03-30T02:00:00.000+05:30Karj maafi se kisanon ki atmahatya ko jod kar dekh...Karj maafi se kisanon ki atmahatya ko jod kar dekhna galat hoga. Meri samajh se krishi ke dhanche mein moolbhoot parivartan ki jaroorat hai. Atmahatyaen jyadatar wahin hoti hain jahan kisan cotton ki kheti per jyada jor dene lagte hain. Nissandeh cotton ki kheti ya doosare cash crop ki kheti kisanon ke liye faidemand hai lekin usmein jokhim bhi bahut hai. Lekin aisi kheti prayah small aur marginal kisanon ke liye uchit nahin hoti kyonki unke paas jokhim prabandhan ke paryapt sadhaan nahin hote. Kisanon dwara sahi takniki ke bagair loan le kar aisi kheti karna hi unko atmahatya jaise gambheer kadmon ki or le jata hai.<BR/>Achha hota agar aapke lekh mein is pahalu per bhi thodi baaten hotin. Jahan tak Govt ki jimmedari ki baat hai - woh to aap pichhale 60 yrs se dekh hi rahe hain. Ascharya yeh hai iske baad bhi hum Govt se hi apeksha kar rahe hain.नीलोत्पलhttps://www.blogger.com/profile/06533443549415304440noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-86183396115484915402008-03-27T12:30:00.000+05:302008-03-27T12:30:00.000+05:30ये हमेशा विदर्भ के किसान ही क्यों खुदकशी करता है ,...ये हमेशा विदर्भ के किसान ही क्यों खुदकशी करता है ,कर्ज की सुविधा कर्ज माफ़ी की सुविधा सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र मे है शायेद , हमे लगता है की पुरा विदर्भ किसान बना हुआ है और जब तब ख़ुद को कसता रहता है . मुझे <BR/>तो लगता है समूचा क्षेत्र किसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त है . सरकार डंडा लेकर खड़ी थोड़े न रहेगी . बाढ़ , सूखा,<BR/>कर्ज ,दहेज़ ,महंगी शिक्षा के भार से सम्पूर्ण भारत का किसान त्रस्त है पस्त है , क्यों नही पुरा देश एक साथ <BR/>मरता है ? खुदकशी के कई और कारण होते है ,और खुदकशी किसान के आलावा अन्य भी करते है .बस फर्क केवल इतना है कि विदर्भ मे हर मौत ,हर हत्या , को खुदकशी का नाम दे दिया जाता है . मानसिकता जबतक बदलेगी नही तब तक सरकार को बदल कर भी परिणाम ढाक के तीन पात ही होंगे .संजय शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06139162130626806160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-88166176379545309702008-03-27T10:32:00.000+05:302008-03-27T10:32:00.000+05:30आपने सही कहा की कर्ज माफ़ी सिर्फ़ वाह-वाही लूटना भर...आपने सही कहा की कर्ज माफ़ी सिर्फ़ वाह-वाही लूटना भर है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-52624074593117149432008-03-27T10:18:00.000+05:302008-03-27T10:18:00.000+05:30दादा ये राहुल विंसी/गांधी की यात्रा के लिये और कुछ...दादा ये राहुल विंसी/गांधी की यात्रा के लिये और कुछ चम्पुओ के लिये थी,शायद कुछ पत्रकार किसान भी इससे तर गये हो पर किसानो के लिये नही थी.आप भी कहा इसे गम्भीरता से ले रहे हो..;)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-72185557904338850002008-03-27T05:16:00.000+05:302008-03-27T05:16:00.000+05:30किसी ने कहा कि है कियह सब माया है...सरकारों का दिख...किसी ने कहा कि है कियह सब माया है...सरकारों का दिखावा....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-49806575800311827042008-03-27T01:04:00.000+05:302008-03-27T01:04:00.000+05:30चलिये क़र्जग्रस्त किसानो के लिये करे एस.एम.एस.http:...चलिये क़र्जग्रस्त किसानो के लिये करे एस.एम.एस.<BR/><BR/>http://kisanokeliye.blogspot.com/2008/02/blog-post_23.html<BR/><BR/>इसे भी अपने लेख के साथ जोड लीजियेगा।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-84161093871723074272008-03-27T00:32:00.000+05:302008-03-27T00:32:00.000+05:30समाधान तो किसी के पास नही है.पर इसका मतलब ये नही क...समाधान तो किसी के पास नही है.पर इसका मतलब ये नही की हम चर्चा ही ना करे.इस मुद्दे पर हम अपनी संवेदनशीलता खो चुके हैं.इस बात से अंदाज़ा लगा सकते है की किसानों की आत्महत्या की खबरें अब हमे विचलित नही करती. किसानों की हत्या की खबरें सत्य उद्घाटन भर नही हैं.vikas pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02670834610081293845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-4463803326742922292008-03-26T22:20:00.000+05:302008-03-26T22:20:00.000+05:30ज्ञान जी, समाधान तो लोकतंत्र में लोक को शामिल करके...ज्ञान जी, समाधान तो लोकतंत्र में लोक को शामिल करके ही निकलता। सरकार अगर निर्णय-प्रक्रिया में किसानों के नुमाइंदों को शामिल करे तो समाधान निकल आएगा। लेकिन सरकार तो सुनती ही नहीं। जैसे जिस संगठन के ब्लॉग का लिंक मैंने दिया है, विदर्भ में बारे में सरकार उसकी बातें सुनने तक की जहमत नहीं उठाती।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-23085794470431612012008-03-26T21:13:00.000+05:302008-03-26T21:13:00.000+05:30सरकार कर्ज माफी को वाहावाही का औजार बना रही है। पर...सरकार कर्ज माफी को वाहावाही का औजार बना रही है। <BR/>पर किसान का भला न कर्जमाफी से हो रहा है न आपके इस सत्य उद्घाटन से कि आत्महत्यायें जारी हैं। <BR/>मेरे पास तो समाधान नहीं है, आपके पास है?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-18115071025103496732008-03-26T20:06:00.000+05:302008-03-26T20:06:00.000+05:30गजब बात करते हैं. यह तो सोनिया भौजी से लेकर राहुल ...गजब बात करते हैं. यह तो सोनिया भौजी से लेकर राहुल बाबू तक सारे लोग जानते हैं की कर्जमाफी से किसानों का मरना रुकने वाला नहीं है. उनको आत्महत्या से रोकने का उनका कोई इरादा भी नहीं है. वह तो बस यह चाहते हैं की चुनाव तक किसान लोग आत्महत्या न करें. तब तक इससे कुछ लोग रुक जाएं. बाद में मरें न! ये तो अच्छी ही बात है. आख़िर देश की जनसंख्या इतनी बढी हुई है, कैसे होगा इसका जुगाड़?इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-60395879312009916622008-03-26T19:44:00.000+05:302008-03-26T19:44:00.000+05:30किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा कर सरकार ने काफी...किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा कर सरकार ने काफी बाहवाही लूटी पर उसे अमली जामा पहनाने का काम सरकार ने नहीं किया। इसी का दुष्परिणाम है कि किसान लगातार आत्महत्या कर रहें। बजट के बाद से 61 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। अनिल जी आपने जो आंकड़े पेश किया है वह सचमुच आंखें खोल देने वाली है। सरकार को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिये।राजेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com