tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post8202324372067334526..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: तर्क से निकली आधुनिकता फंसी है संकट मेंअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-38911730603909515872007-12-15T14:17:00.000+05:302007-12-15T14:17:00.000+05:30"असल में ë..."असल में मुख्य समस्या धन-दौलत के कुछ हाथों में सिमट जाने की है।"<BR/>बहुत अच्छा और सही विश्लेषण है. मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूँ.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-61464561137649728082007-12-15T11:58:00.000+05:302007-12-15T11:58:00.000+05:30वर्तमान सभ्यता के केन्द्र में मनुष्य नहीं मनुष्य क...वर्तमान सभ्यता के केन्द्र में मनुष्य नहीं मनुष्य का लालच है.<BR/>बढ़ती आबादी को समस्या माननेवाले लोगों के लिए तन्ना बाबा का सटीक जवाब होता है जो राजस्थान के अलवर में किसान हैं. वे कहते हैं जितने आदमी हैं उतने अच्छे काम करने लगे तो आबादी समस्या कैसे हो सकती है?<BR/><BR/>आबादी समस्या इसलिए नजर आती है क्योंकि आदमी उद्यमी से सरककर व्यवसायी हो गया है. अब व्यवसाय में तो मशीन चाहिए, उत्पादन चाहिए. इंसान तो केवल उपभोक्ता ही होगा. और उपभोक्ता जितना कम हो उतना अच्छा.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-15426650106765962362007-12-15T06:28:00.000+05:302007-12-15T06:28:00.000+05:30अच्छी जानकारी। अच्छा लेख।अच्छी जानकारी। अच्छा लेख।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com