tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post7819851535658978077..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: 1857 का अनकहा सच: अमरेश तब और अबअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-1410585368973096672008-03-09T01:18:00.000+05:302008-03-09T01:18:00.000+05:30अमरेश बाबू जहां भी रहें, जो करें, मस्त रहें..अमरेश बाबू जहां भी रहें, जो करें, मस्त रहें..azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-79866347758996113392008-03-08T21:47:00.000+05:302008-03-08T21:47:00.000+05:30यह किताब तो पढ़नी पड़ेगी. अमरेश जी ने इतने महत्वपू...यह किताब तो पढ़नी पड़ेगी. अमरेश जी ने इतने महत्वपूर्ण विषय पर बड़े परिश्रम से व्यापक शोध करके जो किताब लिखी है, उससे आधुनिक भारतीय इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ता है। <BR/><BR/>1857 के 150 वर्ष पूरे होने के बाद यह किताब उन तथ्यों को उजागर करती है, जिन्हें आज तक शायद जानबूझकर दबाया-छिपाया ही जाता रहा है। मसलन, विद्रोह को कुचलने के लिए अंग्रेजों द्वारा किए गए नरसंहार की व्यापकता और भयावहता पर इतने प्रामाणिक आंकड़े और विवरण पहले इतिहास की किताबों में नहीं दिए जाते थे। दूसरा, विद्रोह को कुचलने के लिए अंग्रेजों को भारतीय जमींदारों और राजे-रजवाड़ों द्वारा सौदेबाजी के तहत जो सहयोग किया गया, उसके बारे में भी इतिहास में अब तक बहुत कुछ छिपाया जाता रहा है। यह जानना दिलचस्प होगा कि भारत की आजादी की पहली लड़ाई को बर्बरता से कुचलने में जिन राजे-रजवाड़ों और जमींदारों ने अंग्रेजों का सहयोग किया, उन्हीं के वंशज बाद में आजादी के बाद राजनीतिक दलों में शामिल होकर सत्ता में आ गए और आज भी शासन कर रहे हैं।Srijan Shilpihttps://www.blogger.com/profile/09572653139404767167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-47376987920220568772008-03-08T15:29:00.000+05:302008-03-08T15:29:00.000+05:30अच्छा लगा अमरेश का लिखा गाहे-बगाहे ब्लॉग में या अख...अच्छा लगा अमरेश का लिखा गाहे-बगाहे ब्लॉग में या अखबारों में पढ़ने को मिल ही जाता है..पर अमरेश से पिछले पन्द्रह बीस सालो से मिला नहीं हूँ,पर यहाँ उनके बारे में जानकर अच्छा लगा..अमरेश को भी बधाई और आपको भी...VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-87111280448064374572008-03-08T09:29:00.000+05:302008-03-08T09:29:00.000+05:30अनिल भाई इलाहाबाद में आप लोगों ने जो तरंगित दिन जि...अनिल भाई इलाहाबाद में आप लोगों ने जो तरंगित दिन जिए उनकी खुशबू यहां नज़र आई । कमाल की तस्वीर है ये, अमरेश जी के लेख तो यहां वहां हम पढ़ ही रहे थे, इस पोस्ट के ज़रिए उनके लेखन की एक दुनिया हमारे सामने खोल दी है आपने । हम सीधे प्रगति जी के ब्लॉग पर पहुंचे हैं और सब कुछ पढ़ लेना चाहते हैं । शुक्रिया । और हां क्या हमें अमरेश जी का संपर्क सूत्र मिलेगा । विविध भारती के लिए उन्हें इंटरव्यू किया जायेगाYunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-5910435590500437082008-03-08T09:06:00.000+05:302008-03-08T09:06:00.000+05:30aap logo kee puraanee tasveer dekhkar achchaa laga...aap logo kee puraanee tasveer dekhkar achchaa laga. aur kitab ke baare me jaan kar bhee. umeed hai ki samay nikaal kar padhungeeस्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.com