tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post6279296508794978058..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: मस्त रहो, सब कुछ जानना ज़रूरी नहींअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-52267634628946787372007-12-06T02:43:00.000+05:302007-12-06T02:43:00.000+05:30अनिल जी,आप तो चढ़े जा रहे हो, अरे इतना नीकौ अउर इतन...अनिल जी,<BR/>आप तो चढ़े जा रहे हो, अरे इतना नीकौ अउर इतनी सफ़ाई से न लिखो कि हम लोग आपन बोरिया समेट लेई । वैसे आपने बहुत ही सारगर्भित तरीके से अपनी बात रखी है, जितनी प्रशंसा की जाये, कम होगी ।डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-4368220786357966962007-12-02T17:04:00.000+05:302007-12-02T17:04:00.000+05:30उत्सुकता तो रहनी ही चाहिए सब जान लेने के प्रति, पर...उत्सुकता तो रहनी ही चाहिए सब जान लेने के प्रति, पर प्रयत्न वहाँ अधिक लगे जो करने से सबसे ज्यादा संतोष मिले।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-75359324802849884062007-12-02T16:47:00.000+05:302007-12-02T16:47:00.000+05:30अनिल जी , इस लेख को मैं कई बार पढ़ चुकी हूँ.....आप...अनिल जी , इस लेख को मैं कई बार पढ़ चुकी हूँ.....आपने मेरे ही मन के भावो को यहाँ चित्रित कर दिया... और समाधान भी सुझा दिया.... <BR/>चाहते हुए और सोचते हुए भी हम अपनी सोच को इतना अच्छा रूप नहीं दे पाते... <BR/>आपका बहुत बहुत शुक्रिया ....मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-46363244590770299712007-12-02T13:55:00.000+05:302007-12-02T13:55:00.000+05:30अच्छा लगा यह मोनोलॉग। हम भी अपने में ऐसा करते हैं।...अच्छा लगा यह मोनोलॉग। हम भी अपने में ऐसा करते हैं। पर इत्ता बढ़िया लिख नहीं पाते।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-37893199916610748532007-12-02T12:50:00.000+05:302007-12-02T12:50:00.000+05:30वाह अनिलजी मजा आ गया आज आपकी ये पोस्ट पढ़कर.हम लो...वाह अनिलजी मजा आ गया आज आपकी ये पोस्ट पढ़कर.<BR/><BR/>हम लोग कभी इस तरह से क्यों नहीं सोच पाते.bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-49925416496036040522007-12-02T12:42:00.000+05:302007-12-02T12:42:00.000+05:30भाव अच्छे लगे अनिल जी,वैसे सब कुछ पा लेने की लालसा...भाव अच्छे लगे अनिल जी,वैसे सब कुछ पा लेने की लालसा हमेशा रहती है हर मन में मगर अगर कुछ प्यास ्बनी रहे तो जीवन जी ने की इच्छा बढ़ जाती है……।पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.com