tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post5768734203015030981..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: चाहतें होतीं परिंदा, हम बादलों के पार होतेअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-60992182406040747802007-07-26T01:29:00.000+05:302007-07-26T01:29:00.000+05:30सर चाहतों को परिंदा ही रहने दीजिए। बादलों के पार प...सर चाहतों को परिंदा ही रहने दीजिए। बादलों के पार पहुंचे न पहुंचे। कम से कम इधर-उधर उड़ तो सकेंगी।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-35348367490742065632007-07-25T17:53:00.000+05:302007-07-25T17:53:00.000+05:30बदलना या न बदलना तभी हो पायेगा जब ऐसे सार्थक चिंतन...बदलना या न बदलना तभी हो पायेगा जब ऐसे सार्थक चिंतन किये जायेंगे. यही प्रथम सीढ़ी है. आपका लेख इस दिशा में सार्थक कदम है. बधाई स्विकारें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-58684378115784605572007-07-25T14:10:00.000+05:302007-07-25T14:10:00.000+05:30तीसरा पैराग्राफ-मैं यह भी चाहता हूँ कि मायावती.......तीसरा पैराग्राफ-मैं यह भी चाहता हूँ कि मायावती........<BR/>पढ़कर, अनिलजी,गले में कुछ भर-सा आया है. आप खूब!! सोचते हैं और वैसा लिख भी लेते हैं. इतने अच्छे विचारों को एक नए आयाम का पंख पहनाकर हमारे आगे रखने का शुक्रिया!DesignFlutehttps://www.blogger.com/profile/00283434937237912410noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-79301092332000202522007-07-25T11:39:00.000+05:302007-07-25T11:39:00.000+05:30कुछ न बदले तो भी कुछ लोगों का सही और साफ सोचना कम ...कुछ न बदले तो भी कुछ लोगों का सही और साफ सोचना कम महत्वपूर्ण नहीं होता। कोई समय ऐसा भी आता है जब झूठ का साम्राज्य अपने-आप दरकने लगता है और अलग-थलग पड़े सही विचार समाज में खमीर का काम करने लगते हैं।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-90201445395882157152007-07-25T11:18:00.000+05:302007-07-25T11:18:00.000+05:30अनिल जी,बढिया लिखा है।बहुत अच्छे विचार प्रेषित किए...अनिल जी,बढिया लिखा है।बहुत अच्छे विचार प्रेषित किए हैं। लेकिन क्या ये सपना सच होगा?परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com