tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post5054665703318500032..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: समय जब सचमुच ठहर जाता हैअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-89138148195840040412007-11-13T20:08:00.000+05:302007-11-13T20:08:00.000+05:30वाह एक रोचक संबंध संधानवाह एक रोचक संबंध संधानमसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-19794599659135063572007-11-13T13:43:00.000+05:302007-11-13T13:43:00.000+05:30आप की बात तार्किक है चन्दू भाई मगर नर्लीकर दोनों क...आप की बात तार्किक है चन्दू भाई मगर नर्लीकर दोनों के व्यास में आये काल्पनिक बदलाव को बताकर ब्लैक होल का बिम्ब गढ़ने की कोशिश कर रहे होंगे शायद..उस उदाहरण से ब्लैक होल के बल का एक अनुमान मिलता है..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-42018893840243562462007-11-13T11:53:00.000+05:302007-11-13T11:53:00.000+05:30नारलीकर जी का लेख है, लिहाजा इसपर एतराज कैसे करें,...नारलीकर जी का लेख है, लिहाजा इसपर एतराज कैसे करें, लेकिन जहां तक मुझे जानकारी है, किसी ब्लैक होल का सिर्फ घटना क्षितिज (इवेंट होराइजन) नापा जा सकता है, उसका आयतन नहीं। ऐसे में सूरज को दबाकर ब्लैक होल बना दिए जाने पर वह इतना बड़ा होगा और पृथ्वी इतनी बड़ी होगी, यह कहने का कोई औचित्य नहीं है। ब्लैक होल का कोई आयतन नहीं होता- ऐसा इसलिए क्योंकि उसके सिकुड़ने की प्रक्रिया को रोक सकने वाला, यानी गुरुत्वाकर्षण बल का प्रतिरोध कर सकने वाला- और इस क्रम में शून्य विमीय बिंदु से ज्यादा बड़ा उसका आकार सुनिश्चित कर सकने वाला कोई बल सिद्धांततः वहां बचा ही नहीं होता।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-30887337129623290892007-11-13T11:03:00.000+05:302007-11-13T11:03:00.000+05:30अद्भुत जोड़ है. ब्रह्मलोक और ब्लैक-होल का. अब ये ए...अद्भुत जोड़ है. ब्रह्मलोक और ब्लैक-होल का. अब ये एतिहासिक ज्ञान है या भौतिक विज्ञान समझ नही पा रहा हूँ.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-39524006755233696452007-11-13T10:48:00.000+05:302007-11-13T10:48:00.000+05:30अनिल जी बहुत अच्छी तरह जोड़ा है दो पहलुओं को। हाँ ए...अनिल जी बहुत अच्छी तरह जोड़ा है दो पहलुओं को। हाँ एक बात, पलायन वेग से फ़ेंकने पर फिर कोई बल लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती,परंतु अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण में लगातार बल लगता रहता है तकि उसकि गति को कम ना होने दिया जाये(जबतक आवश्यकता हो। अगर एक खिलौने की भी कल्पना करें कि उसका वेग २मीटर प्रति सेकण्ड ऊर्ध्व दिशा में लगातार ईंधन की सहायता से रखा जाये तो भी वह अंतरिक्ष में चला जाएगा।aarseehttps://www.blogger.com/profile/13270855138365991859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-26658494044991949842007-11-13T08:36:00.000+05:302007-11-13T08:36:00.000+05:30Black hole ki kahani achi hai.Ap Naxali black hole...Black hole ki kahani achi hai.Ap Naxali black hole se kaise nikle vistar se batain.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-29922411753095371202007-11-13T08:20:00.000+05:302007-11-13T08:20:00.000+05:30और मान लो कि बी की घड़ी तो ब्लैक होल के समय के मु...और मान लो कि बी की घड़ी तो ब्लैक होल के समय के मुताबिक चले परंतु उसका दिमाग़ ए के मुताबिक ट्यून हो अर्थात वह किसी तरह अपनी कार्यक्षमता ए के अनुसार बनाए रहे तब वह एक सेकंड में बहुत काम कर सकता है। एक सेकंड में सारे ब्लॉग पढ़ सकता है, उन पर कमेंट भी कर सकता है और नयी पोस्ट भी लिख सकता है। वाह..वाह... कितनी सुखद कल्पना है। इसे ऐसे समझें कि कोई सरकारी दफ़्तर का बाबू कॉरपोरेट कंपनी की स्पीड में काम करे और फटाफट फाइलें निपटाए तो कैसा रहे... :-)आनंदhttps://www.blogger.com/profile/08860991601743144950noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-69489474592894577472007-11-13T07:15:00.000+05:302007-11-13T07:15:00.000+05:30सरकारी दफ्तरों में तो होल ही होल हैं। किसम किसम के...सरकारी दफ्तरों में तो होल ही होल हैं। किसम किसम के और कई रंग के। खांची भर आइंस्टीन चाहियें उनका विज्ञान-अज्ञान समझाने को!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com