tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post4810615102363970347..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: शब्द शरीर है तो व्याकरण आत्मा है भाषा कीअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-44246598911776537962008-02-22T11:29:00.000+05:302008-02-22T11:29:00.000+05:30सर, इत्तफाकन मेरे घर पर सारे ब्लॉगर मिले थे। इसिलए...सर, इत्तफाकन मेरे घर पर सारे ब्लॉगर मिले थे। इसिलए मुझे पोस्ट लिखनी थी लेकिन, अच्छा हुआ मैंने नहीं लिखा। ये बात मैं इस तरह से लिख ही नहीं पाता। और, अनिलजी ने इसको सच में वही भाव दिया है जो, ध्वनि हम लोगों की आपस की बातचीत में आ रही थी।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-84401617431248652222008-02-21T18:58:00.000+05:302008-02-21T18:58:00.000+05:30शब्द को शरीर कहा ही नहीं जा सकता... व्याकरण अगर भा...शब्द को शरीर कहा ही नहीं जा सकता... व्याकरण अगर भाषा की आत्मा है तो भाषा शरीर हुआ... इस लिहाज़ से शब्द रोमकूप हुए... स्वस्थ भाषा के लिए शब्दों का शुद्ध होना ज़रूरी है. इसके लिए व्याकरण रूपी आत्मा के वर्ण, शब्द और वाक्य विचार रूपी तत्त्वों को जानना होगा. <BR/>आजकल पढ़ना अच्छा लग रहा है सो टिप्पणी देने से रोक न पाए.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-66538819009149135852008-02-21T16:57:00.000+05:302008-02-21T16:57:00.000+05:30दिनेशजी रायजी द्विवेदीजी, विद्यालय जाने के रास्त...दिनेशजी रायजी द्विवेदीजी, विद्यालय जाने के रास्ते पर साथ के लिए मुझे भी उठवा लीजिएगा. ओह, बाल की खाल, और खालो के बाल..azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-13958398606480221432008-02-21T15:19:00.000+05:302008-02-21T15:19:00.000+05:30मुझे लगता है फिर से विद्यालय जाना पड़ेगा सीखने कि ...मुझे लगता है फिर से विद्यालय जाना पड़ेगा सीखने कि आत्मा का क्या मतलब है?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-56705306981303591532008-02-21T11:46:00.000+05:302008-02-21T11:46:00.000+05:30मेरी भी प्रियंकर जी से सहमति.शब्द शरीर और भाव आत्म...मेरी भी प्रियंकर जी से सहमति.<BR/>शब्द शरीर और भाव आत्मा.<BR/>व्याकरण तो केवल जंजीरें है,<BR/><BR/>आपकी ब्लागर मीट अच्छी लगीमैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-64072400543261946822008-02-21T11:30:00.000+05:302008-02-21T11:30:00.000+05:30व्याकरण को लगाम कह लिजीये.चलिये आप लोगो ने सार्थक ...व्याकरण को लगाम कह लिजीये.<BR/><BR/>चलिये आप लोगो ने सार्थक बहस की, वरना अब तक चाय-पार्टियाँ ही हुआ करती थी.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-45443746314935471282008-02-21T10:53:00.000+05:302008-02-21T10:53:00.000+05:30नहीं भाई! आपके शीर्षक से असहमति है .शब्द-शरीर की आ...नहीं भाई! आपके शीर्षक से असहमति है .<BR/><BR/>शब्द-शरीर की आत्मा तो अर्थ होता है,व्याकरण आत्मा कैसे हो सकता है . व्याकरण भाषा-सरिता को बांधने वाला किनारा -- तटबंध -- हो सकता है . बांध इसे मैंने जान-बूझकर नहीं कहा है . बहुत नकारात्मक लगता है . शायद भाषा की पारिस्थितिकी के खिलाफ़ भी. पर जितना आपने दिया ,व्याकरण को उतना महत्व तो व्याकरणशास्त्री भी नहीं देते .Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-74017035227329790492008-02-21T10:15:00.000+05:302008-02-21T10:15:00.000+05:30shirshak nae man moh liyaa , post to hamesha uttam...shirshak nae man moh liyaa , post to hamesha uttam hii hotee haenAnonymousnoreply@blogger.com