tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post473973056738923588..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: क्क्क...कितनी कमीनी कपनियां हैं ये!अनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-3304469715750700972007-08-14T00:20:00.000+05:302007-08-14T00:20:00.000+05:30कंपनियों को लूटपाट करने दीजिए. सामाजिक जिम्मेदारी ...कंपनियों को लूटपाट करने दीजिए. सामाजिक जिम्मेदारी जैसी बातों से इनका हाजमा खराब हो जाता है. आप कभी ऐसी मीटिंग में जाईए जहां कारपोरेट रिस्पांसबिलिटी(सीआर) की बहस चल रही हो. इन मूर्खों उद्योगपतियों को चार जूते मारकर चले जाने का मन होता है. लेकिन नहीं कर पाते इसलिए अब ऐसी कांफ्रेसों से कन्नी काट जाते हैं.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-48113599480506535422007-08-13T18:48:00.000+05:302007-08-13T18:48:00.000+05:30मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं,बल्कि मैं तो ये भी मानत...मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं,बल्कि मैं तो ये भी मानता हूं कि यदि बिना आपसी घृणा अथवा वैमनस्य पैदा किये समाज के कमज़ोर वर्गों( मेरा ज़ोर हमेशा आर्थिक पिछडेपन पर रहा है,न कि जाति/ धर्म आधारित वर्गीकरण)को लाभ पहुंचाना है तो यही नीति अपनानी होगी. affirmative action की जो बात है, ऐसे ही लाया जा सकता है. जो भी सरकारी रियायतें लेना चाहे, जो सरकारी ठेके लेना चाहे, अथवा जो कम्पनी सरकारी छूट का लाभ उठाना चाहे ,उसे ये शर्तें मंज़ूर करनी होंगी.<BR/><BR/>यह एक अच्छा कदम है. यदि अन्य राज्य सरकारें भी यह नीति अपनाये तो आरक्षण का मसला जल्दी हल हो सकता है.<BR/><BR/>परन्तु यह नीति तब ही लागू हो ,जब creamy layer की शर्त को पहले मान लिया जाये. साथ ही यह भी कि आरक्षण सिर्फ एक पीढी को ही मिल सकता है. कुल क्रमागत नही. अन्य सभी प्रकार के आरक्षणों को समाप्त कर दिया जाये. तब ही यह job reservation की scheme सफल हो सकती है.डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/01678807832082770534noreply@blogger.com