tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post1656239340062559499..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: किन बूड़ा किन पाइयां गहरा गोता खाय?अनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-87468016120401373462007-08-18T00:46:00.000+05:302007-08-18T00:46:00.000+05:30इस लेख में जानकारी बहुत अच्छी और विश्लेषण बहुत सटी...इस लेख में जानकारी बहुत अच्छी और विश्लेषण बहुत सटीक है. <BR/>लेकिन अनिल जी समझ में नहीं आता पूंजी आती कहां है? और बाजार गिरता है तो पूंजी जाती कहां है? शेयर बाजार की पूंजी का वास्तविक अर्थव्यवस्था से कितना लेना-देना होता है इसे मैं ठीक से नहीं समझता हूं. मुझे लगता है यह आभासीय अर्थव्यवस्था है. इसका भंडाफोड़ बहुत जरूरी है. नहीं तो सृजनशिल्पी का यह बात सही साबित होते देर नहीं लगेगी कि आत्महत्या की प्रवृत्ति इतनी सहज हो जाएगी कि वह कोई खबर भी नहीं बनेगी. <BR/>क्या शेयर बाजार के छद्म खेल पर आप कुछ लिखेंगे.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-22602227177687728982007-08-17T20:00:00.000+05:302007-08-17T20:00:00.000+05:30यह खतरा तो बना रहेगा। लेकिन अभी असली खतरा तो आया ह...यह खतरा तो बना रहेगा। लेकिन अभी असली खतरा तो आया ही नहीं है। अमेरिकी रीयल इस्टेट के बाजार और होम लोन फाइनेंस वाली कंपनियों का जो हश्र आज हो रहा है, आने वाले समय में भारतीय रीयल इस्टेट के बाजार और होम लोन फाइनेंस कंपनियों का भी होना तय है। <BR/><BR/>पिछले दो-तीन वर्षों में रीयल इस्टेट की कीमतें लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी की तुलना में कई गुना बढ़ गई हैं। इनमें बेहिसाब विदेशी पैसा और काला धन लगा हुआ है। इस बबल का एक दिन फटना तय है, फिर बाजार का क्या होगा, इसका अभी अंदाज ही लगाया जा सकता है। आमदनी के अनुपात में अत्यधिक ईएमआई की दरों के कारण भारत में भी लोन रिपेमेंट डिफॉल्टरों की संख्या बढ़ना तय है। इसके चतुर्दिक दुष्परिणाम होने की आशंका है। <BR/><BR/>आने वाले वर्षों में खाते-पीते घरों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति इतनी सहज हो जाएंगी कि मीडिया के लिए उसमें कोई ख़बर नज़र नहीं आएगा।Srijan Shilpihttps://www.blogger.com/profile/09572653139404767167noreply@blogger.com