tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post7134225451240362466..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: अभी तक तो मैं अंधा हो चुका होताअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-24586384253051732822008-01-24T04:36:00.000+05:302008-01-24T04:36:00.000+05:30आँखें खोलती,पहेली बूझती कथा रोचक है।आँखें खोलती,पहेली बूझती कथा रोचक है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12160634726989950280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-65674887988915162472008-01-24T01:12:00.000+05:302008-01-24T01:12:00.000+05:30आँखें खोल कर पढ़ा [बहुरूपिया प्रवचन?] - वैसे इसे "...आँखें खोल कर पढ़ा [बहुरूपिया प्रवचन?] - वैसे इसे "खुलती कुंडली का दंश" [:-)] भी कह सकते थे -rgds- मनीषAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-70306450698037216472008-01-23T20:47:00.000+05:302008-01-23T20:47:00.000+05:30आपने तो जिज्ञासा जगा दी। हमारी कुण्डली में तो पता ...आपने तो जिज्ञासा जगा दी। हमारी कुण्डली में तो पता नहीं क्या लिखा है। आधी से ज्यादा तो बिना जाने काट दी। <BR/>बाकी ब्रह्म ज्ञान का अन्धत्व तो हममें भी है। बहुतों में है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-52607623068206535072008-01-23T20:40:00.000+05:302008-01-23T20:40:00.000+05:30अच्छा किस्सा था.वैसे कुंडली या भविष्यफल की बात की ...अच्छा किस्सा था.<BR/><BR/>वैसे कुंडली या भविष्यफल की बात की जाय तो मैं भी बचपन से यह सब पढ़ने में बड़ा इन्टरेस्ट लेता था. बस फर्क ये था कि जहाँ जिस राशी में जो अच्छा लगता था वही अपना मान के खुश हो लेता था.विजय वडनेरेhttps://www.blogger.com/profile/05856402710862023023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-89491022384219079492008-01-23T18:13:00.000+05:302008-01-23T18:13:00.000+05:30कुंडलियों मे अक्सर कई विरोधाभासी बात देखने को मिलत...कुंडलियों मे अक्सर कई विरोधाभासी बात देखने को मिलती है। एक ही व्यक्ति की कुंडली में एक जगह यह लिखा रहेगा तो एक जगह वह। <BR/><BR/>वैसे भी अपनी कुंडली पढ़ते समय "मीठा-मीठा गप-गप और कड़वा-कड़वा थू-थू" किया जाए बस और खुश हो लिया जाए ;)Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-82246602805748003562008-01-23T17:13:00.000+05:302008-01-23T17:13:00.000+05:30अकसर आपके लेख में प्रेरक प्रषंग रोचकता बढ़ाने में ...अकसर आपके लेख में प्रेरक प्रषंग रोचकता बढ़ाने में मददगार साबित होते रहते हैं। किस्सागोई का मजबूत आधार हमेशा पूरा लेख पढ़ने को मजबूर करता है लेकिन इस बार प्रेरक प्रषंग की जगह बन नहीं रही थी क्योंकि केंद्रीय पात्र जो आप खुद थे बेहद दमदार दिख रहा था चरित्र में भरपूर ड्रामा था और उसका दोहन भी आपने ठीक ही किया है....काफी रोचक है।Sandeep Singhhttps://www.blogger.com/profile/17906848453225471578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-64983005092619300412008-01-23T16:45:00.000+05:302008-01-23T16:45:00.000+05:30सामान्यतः ऐसी घनघोर बाते कुण्डली में नही6 लिखी जात...सामान्यतः ऐसी घनघोर बाते कुण्डली में नही6 लिखी जाती, पता नहीं कैसे लिख दी गई...<BR/><BR/>चलो जी कौन सत्य होती है...आपकी आँखे सलामत रहे. :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-73165238677923872962008-01-23T16:38:00.000+05:302008-01-23T16:38:00.000+05:30अरे सुश्री सुवर्चला ने तो मेरे कई वरिष्ठ कन्याओं क...अरे सुश्री सुवर्चला ने तो मेरे कई वरिष्ठ कन्याओं के मन की बात कह दी...ऐसे ही पति की तलाश तो है जो अंधा न हो जिससे शापिंग में पूरी मदद मिल सके..लेकिन अंधक हो भी जिससे हमारी आग्याओं का अंधानुकरण कर सके...):कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-80097730180273601172008-01-23T14:01:00.000+05:302008-01-23T14:01:00.000+05:30लगता है कुण्डली बनाने वाले के मन मे बहुत बडी नाराज...लगता है कुण्डली बनाने वाले के मन मे बहुत बडी नाराजगी रही होगी क्योकि विद्वान ऐसा जानकर भी नही लिखते। आप परेशान न हो और आगे बढते रहे।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-45459460346580015432008-01-23T13:59:00.000+05:302008-01-23T13:59:00.000+05:30गजाधर की गज-भर कुंडली में ऋषिकन्या कहां से घुस आई?...गजाधर की गज-भर कुंडली में ऋषिकन्या कहां से घुस आई?जेपी नारायणhttps://www.blogger.com/profile/05345363717323351232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-90297264115110071582008-01-23T11:34:00.000+05:302008-01-23T11:34:00.000+05:30कुंडली की अच्छी बातों का क्या हुआ ?कुंडली की अच्छी बातों का क्या हुआ ?Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-2029142988276837452008-01-23T10:31:00.000+05:302008-01-23T10:31:00.000+05:30सारी बातें अपने बारे में बता देंगे क्या ?सारी बातें अपने बारे में बता देंगे क्या ?काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-90831959436214486452008-01-23T08:51:00.000+05:302008-01-23T08:51:00.000+05:30"यह जातक घोर अहंकारी होगा। कुल का नाश करनेवाला है।..."यह जातक घोर अहंकारी होगा। कुल का नाश करनेवाला है। माता-पिता को कष्ट पहुंचाएगा।”<BR/><BR/>इस आधार पर देखें तो आपकी जन्मकुंडली बिलकुल सही लगती है। अंधे होने की बात का उदाहरण भी आपने दे दिया है। अब पढ़कर यह बताइए कि आगे क्या-क्या लिखा है :) - आनंदआनंदhttps://www.blogger.com/profile/08860991601743144950noreply@blogger.com