tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post6123737441777904130..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: सुख की संजीवनी है सत्ता-संपन्नताअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-5374653385277438622007-08-24T20:14:00.000+05:302007-08-24T20:14:00.000+05:30इतना लम्बा रास्ता क्या बता रहे हैं अनिल भाई.. कोई ...इतना लम्बा रास्ता क्या बता रहे हैं अनिल भाई.. कोई गोली टोली नहीं है?अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-90574032814054905832007-08-24T14:50:00.000+05:302007-08-24T14:50:00.000+05:30जो लोग सत्ता के दायरे से बाहर है, उन्हें एम्पावर क...जो लोग सत्ता के दायरे से बाहर है, उन्हें एम्पावर किया जाए, राइट टू इनफॉर्मेशन एक्ट का पूरा इस्तेमाल किया जाए, तंत्र को जवाबदेह बनाया जाए। यही सब रास्ते हैं। मेरा कहने का सिर्फ ये है कि सब चीजों से कटकर सुखी नहीं हुआ जा सकता। सुख केवल मानसिक स्थिति नहीं है। अपने सामाजिक-राजनीतिक वजूद के फ्रेम में ही पूरी खुशी हासिल की जा सकती है।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-60964055882508446252007-08-24T14:28:00.000+05:302007-08-24T14:28:00.000+05:30ख़ालिस सच! सत्ता-संपन्नता के लिए फिर किया क्या ...ख़ालिस सच! सत्ता-संपन्नता के लिए फिर किया क्या जाए? राह दिखाना शुरू कीजिए!azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-6849448962488984382007-08-24T11:37:00.000+05:302007-08-24T11:37:00.000+05:30सही कहा जी आपने..इसी लिये अपन तो यही चहते है कि चु...सही कहा जी आपने..इसी लिये अपन तो यही चहते है कि चुनाव नाम की वस्तू हर चार छै महीने बाद हो ही जनी चाहिये और हर बार नये लोगो को यह मौका मिलना चाहिये..कम से कम खूशहाल और प्रसन्न लोगो की सख्यां तो बढेगी..:)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.com