tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post4958368418472965877..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: मन्नू की नहीं सुनी तो किसकी सुनेंगे?अनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-38022586728068060192007-08-30T21:55:00.000+05:302007-08-30T21:55:00.000+05:30अनिल जी, राजनेता और अधिकारी सिर्फ अपने लिये और ऐसे...अनिल जी, राजनेता और अधिकारी सिर्फ अपने लिये और ऐसे लोगों के लिये काम करते हैं जहां से उन्हे लाभ हो। उन्हें न तो किसान से मतलब है और न हीं किसानों की आत्महत्या से।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से काफी उम्मीदे थी लेकिन लगता है उन्हें भी किसानों के साथ मजाक करना आ गया है। ऐस मालूम पड़ता है कि अमेरिका ने उन्हे पढा लिखा दिया है कि सत्ता में बने रहने के लिये सिर्फ किसान -मज़दूर की कल्याण के लिये रट लगाओ और काम मत करो। देखना है कि मनमोहन जी कल क्या घोषणा करते हैं।राजेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com