tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post4048430951677628280..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: जब तक है आलाकमान, लड़खड़ाता रहेगा लोकतंत्रअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-13381675988740799252008-01-09T18:55:00.000+05:302008-01-09T18:55:00.000+05:30आपने बढिया विषय उठाया है। हर राजनीतिक दल आंतरिक लो...आपने बढिया विषय उठाया है। हर राजनीतिक दल आंतरिक लोकतंत्र की बात जरुर करता है लेकिन व्यवहार में ऐसा होता नहीं हैं। राष्ट्रीय पार्टियां हो या क्षेत्रीय सभी के नेता अपनी अपनी पार्टी को मनमाने तरीके से चलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन मुझे लगता है वर्तमान दौर में इस तानाशाही का कोई हल नहीं है।राजेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-43620684504657620952008-01-09T06:06:00.000+05:302008-01-09T06:06:00.000+05:30बापू के जमाने में आलाकमान में वैल्यूज रही होंगी। व...बापू के जमाने में आलाकमान में वैल्यूज रही होंगी। वैल्यज हों तो मैं उसे लोकतन्त्र से ज्यादा तरजीह दूंगा। पर जब आलाकमान आज के पैदाइशी नेताओं की तर्ज पर हो तो मुझे लोकतन्त्र ज्यादा महत्वपूर्ण लगता है। <BR/>शायद कुछ दशक तक हमें परमानेण्ट और पारिवारिक नेतृत्व को और झेलना होगा।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-19717454942625755082008-01-08T23:24:00.000+05:302008-01-08T23:24:00.000+05:30इतने ईमानदार विश्लेषण के लिए बधाई अनिल भाई.इतने ईमानदार विश्लेषण के लिए बधाई अनिल भाई.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.com