tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post3279173073584076361..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: हम बहस करेंगे जमकर, पर खूंटा आप वहीं गाड़ेंअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-55165104002302299902007-11-05T12:24:00.000+05:302007-11-05T12:24:00.000+05:30भारतीय संविधान के मुताबिक वर्तमान स्थिति यही है कि...भारतीय संविधान के मुताबिक वर्तमान स्थिति यही है कि किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि में शामिल होने या किसी भी विदेशी राष्ट्र के साथ समझौते करने के मामले में केन्द्र सरकार न तो संसद के प्रति जवाबदेह है और न ही सुप्रीम कोर्ट के प्रति। जनता सूचना के अधिकार के तहत भी ऐसी कोई सूचना प्राप्त नहीं कर सकती, जिसके बारे में सरकार की यह राय हो कि इससे किसी विदेशी राष्ट्र के साथ सरकार के मित्रतापूर्ण संबंध प्रभावित होंगे। <BR/><BR/>यदि यह स्थिति बदलनी हो तो संविधान संशोधन की जरूरत पड़ेगी।Srijan Shilpihttps://www.blogger.com/profile/09572653139404767167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-45918812473661587382007-11-02T22:17:00.000+05:302007-11-02T22:17:00.000+05:30अगले सत्र में जो संभावनायें हैं उसे हमारे यहाँ क्ष...अगले सत्र में जो संभावनायें हैं उसे हमारे यहाँ क्षेत्रिय भाषा में ढ़मर कड़ कड़ (नागपंचमी में कुश्ती के समय नगाड़े की धुन) कहते हैं जी. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-90979553855664962642007-11-02T21:06:00.000+05:302007-11-02T21:06:00.000+05:30बिल्कुल, अगले सत्र में नूराँ-कुश्ती की सम्भावना ज्...बिल्कुल, अगले सत्र में नूराँ-कुश्ती की सम्भावना ज्यादा लगती है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-84644919307526490542007-11-02T18:59:00.000+05:302007-11-02T18:59:00.000+05:30संसद सिर्फ़ बहस करने का अखाड़ा ही नही वरन जूतम पैजा...संसद सिर्फ़ बहस करने का अखाड़ा ही नही वरन जूतम पैजार का अखाड़ा भी है. वैसे मैंने तो सर ये भी पढ़ा था कि ये शगूफा बी जे पी वालों का ही छोडा हुआ है. और असल मे लेफ्ट और बी जे पी दोनों ही सरकार से थोडी मान मुनाव्वल करवाना चाहते है. सब नाटक है.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-60174153053474466582007-11-02T18:57:00.000+05:302007-11-02T18:57:00.000+05:30सर भारत के साथ परमाणु परीक्षण अप्रसार संधि पर दस्त...सर भारत के साथ परमाणु परीक्षण अप्रसार संधि पर दस्तखत न करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस लगातार दबाव बनाए हुए थी...इस पूरी नीति को इरान के साथ आने वाली तेल पाइप लाइन की विफलता के साथ जोड़कर देखें तो साफ होता है कि कैसे उसने पड़ोसी देश के साथ आने वाली तेल पाइप लाइन पर संभावित संधि के आगाज से अमेरिका तिलमिला गया था। बहुत साफ है कि भारतीय उर्जा नीति पर भारतीय संसद नहीं अमेरिकी कांग्रेस में बहस हुई है। जियो पोलिटिकल मुद्दे को हम अगर केवल घरेलू मुद्दे से समझने की कोशिश करें तो बेहतर होगा। आप सही कह रहे हैं ऐसी संसद तो सुअरबाड़ा ही है..क्योंकि संसद की कार्रवाई भले ही टेलीविजन पर प्रसारित हो लेकिन इस तरह के मुद्दे पर कभी भी हमारे सांसदों ने कोई आपत्ति या समर्थन में ठोस बयान नहीं दिया है। अब निर्णय ऐसे ही लिए जाएंगे संप्रभुता तो भूल जाने वाली चीज है...Anonymousnoreply@blogger.com