tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post1921155560717463649..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: गुप्ता जी को अब कोई नहीं बचा सकता!!अनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-48186511473874850592007-10-18T21:20:00.001+05:302007-10-18T21:20:00.001+05:30This comment has been removed by the author.Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-38251469388873990682007-10-18T21:20:00.000+05:302007-10-18T21:20:00.000+05:30राजस्थान में एक कहावत है कि ऊँट पर कौए के चोंच म...राजस्थान में एक कहावत है कि ऊँट पर कौए के चोंच मारने से उँट नहीं मरता, बस उसी तरह खुदरा बाजार इतना बड़ा है कि कितने ही मॉल खुल जाये , कितने ही फ्रेश खुल जायें, सामान्य लोग तो किराना की दुकान से माल खरीदेंगे ही। <BR/>अभी पिछले दिनों मैं रिलायंस से सब्जी खरीद कर आया, सब्जियाँ ताजी और सस्ती थी सो खरीद ली म क्यों कि सब्जी मंडई पास नहीं थी। किराना का सामान सस्ते होते हुए भी नहीं खरीदा क्यों कि घर के सामने ही किराना की दुकान है। <BR/>मुझ जैसे और भी कई लोग सोचते होंगे, तब तक किराना की छोटी दुकानों का भविष्य अंधकार में नहीं होगा। <BR/>एक बात और भी है, छोटी दुकान वाले उधार में माल दे देते हैं जब कि फ़्रेश या मॉल्स वाले नहीं.........Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-5674960003365350072007-10-13T06:57:00.000+05:302007-10-13T06:57:00.000+05:30एग्रेरियन इकॉनमी से जब औद्योगिक अर्थव्यवस्था आ रही...एग्रेरियन इकॉनमी से जब औद्योगिक अर्थव्यवस्था आ रही होगी तो किसी 'रघुराज' जी ने लेख लिखा होगा - हमें फलाने सरल निश्चिंत और शाम को गीत गाने वाले किसान की बजाय यंत्रवत काम करने वाला मजदूर या सुपरवाइजर नहीं चाहिये।<BR/><BR/>जो हुआ, सो हुआ ही! मोह छोड़ देना चाहिये शायद।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-82363753439616027332007-10-13T05:57:00.000+05:302007-10-13T05:57:00.000+05:30चिंता जायज है!पर मॉल खराब ही हों यह कोई जरूरी तो न...चिंता जायज है!पर मॉल खराब ही हों यह कोई जरूरी तो नहीं.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-54566276801406034202007-10-13T00:42:00.000+05:302007-10-13T00:42:00.000+05:30चिंता की कोई बात नही है जी, रोजमर्रा की चीजे कौन म...चिंता की कोई बात नही है जी, रोजमर्रा की चीजे कौन मॉल से खरीदता है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-2237804404272984542007-10-12T23:59:00.000+05:302007-10-12T23:59:00.000+05:30भाई निजी अनुभव से बता रहा हूँ आप गुप्ता जी को लेकर...भाई निजी अनुभव से बता रहा हूँ आप गुप्ता जी को लेकर निश्चिंत रहें....उनकी दुकान पर कोई खतरा नहीं है....। मॉल के ग्राहक और गुप्ताजी के ग्राहक एक दम से लग हो चले हैं.....मैं जब घूमना होता है तो माल जाता हूँ और जब खरीदारी करनी होती है आस-पास के दूकानो में जाता हूँ....मेरे घर के पास ही रघुलीला नाम का एक मॉल खुला है लेकिन लगाता और छोटी दुकाने खुलती जा रही हैं...और सब पर भीड़ है.....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-56220651867115780492007-10-12T23:40:00.000+05:302007-10-12T23:40:00.000+05:30अपनों की चिन्ता तो होती है.अपनों की चिन्ता तो होती है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-52083906667351999962007-10-12T22:41:00.000+05:302007-10-12T22:41:00.000+05:30sirwhy do you think mall cultur will not bring in ...sir<BR/>why do you think mall cultur will not bring in growth <BR/>every change takes time to settle in and change is the only key to growth <BR/>people move from small towns to bigger towns and grow <BR/>people migrate from one continent to other to grow <BR/>RachnaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-47780975744996156692007-10-12T20:33:00.001+05:302007-10-12T20:33:00.001+05:30चिंता जायज है!चिंता जायज है!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-13266181190392887272007-10-12T20:33:00.000+05:302007-10-12T20:33:00.000+05:30खुदरा को खाने का खेल तो चल ही रहा है. लाशों पर आ व...खुदरा को खाने का खेल तो चल ही रहा है. लाशों पर आ विकास की सेज बिछाने की तैयारी है. तकलीफ यह है कि हम इसे सत्यापित करने के न जाने कितने बहाने बनाते रहते हैं. सीधे-सीधे यह लूटपाट है.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-86005119189528839362007-10-12T19:57:00.000+05:302007-10-12T19:57:00.000+05:30चिंता न करें गुप्ताजी के नियमित और आसपास के ग्राहक...चिंता न करें गुप्ताजी के नियमित और आसपास के ग्राहक घर के अंदर से भी सामान खरीदेंगे!Anonymousnoreply@blogger.com