tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post1229049364912555175..comments2024-03-06T21:57:45.767+05:30Comments on एक भारतीय की डायरी: हमें आदत है स्वांग को सच समझने कीअनिल रघुराजhttp://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-85129122593952202592007-08-24T17:14:00.000+05:302007-08-24T17:14:00.000+05:30अनिल जी,एक फिल्म है कालिया जिसमें अमिताभ बच्च्न ने...अनिल जी,एक फिल्म है कालिया जिसमें अमिताभ बच्च्न ने अपनी गर्ल फ्रेंड से कहा कि - भाभी जी के पास साड़ी पहन कर चलना और माथे पर आंचल रखना क्यों कि अंग दिखाना पश्चिम का फैशन है और भारत में लज्जा औरतों का गहना है। शायद अमिताभ अपने ही डायलॉग भूल गये हैं। कला के नाम पर सभी तथ्यों को सहीं नहीं ठहराया जा सकता है। सिर्फ अमिताभ हीं क्यों ऐसे दर्जनों उदाहरण मिल जायेंगें पर अमिताभ से सभ्यता की उम्मीद रखी जाती है इसलिये उनका उदाहरण लाजमी है।राजेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-21389602432848468702007-08-23T23:32:00.000+05:302007-08-23T23:32:00.000+05:30असली बात तो गोलगप्पा कर गए हजुर!! :)असली बात तो गोलगप्पा कर गए हजुर!! :)Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-55083571225735737742007-08-23T23:17:00.000+05:302007-08-23T23:17:00.000+05:30समाज के ठेकेदारो ने देश की जनता को अपने फायदे के ल...समाज के ठेकेदारो ने देश की जनता को अपने फायदे के लिए अंधेरे कूएं मे ढकेला है...अब उस से बाहर निकलना बहुत मुश्किल है...जो लोग सच और झूठ को समझते हैं उन की गिनती बहुत कम है या यूँ कहे नही के बराबर है...अब तो राम जी ही मदद कर सकते हैं...:(परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-50357047221786953032007-08-23T21:08:00.000+05:302007-08-23T21:08:00.000+05:30इसमें दोष अभिनेताओं का नहीं हमारा है जो इन लोगों क...इसमें दोष अभिनेताओं का नहीं हमारा है जो इन लोगों को इतना मान देते हैं, जिसके ये लायक ही नहीं है। <BR/>आज सुबह टीवी पर संजय दत्त की रिहाई के समय लोगों और चैनलों का पागलपन देखने लायक था मानों कोई महाण देशभक्त या स्वतंत्रता सेनानी रिहा हो कर आ रहे हों। <BR/>www.nahar.wordpress.comSagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-69712583547264582982007-08-23T19:42:00.000+05:302007-08-23T19:42:00.000+05:30सही कहते हैं आप, अक्सर लोग अभिनेताओं की स्क्रीन इम...सही कहते हैं आप, अक्सर लोग अभिनेताओं की स्क्रीन इमेज के आधार पर ही उनकी असली छवि दिमाग में बना लेते हैं। जबकि कई 'गुडें' हीरो से 'सज्जन' विलेन अच्छे हैं।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-968593042449838987.post-64342598217063246482007-08-23T18:44:00.000+05:302007-08-23T18:44:00.000+05:30अनिल जी, आपने काम की बात तो बताई ही नहीं :) लगता ह...अनिल जी, आपने काम की बात तो बताई ही नहीं :) लगता है मुलाकात ही करनी पड़ेगी।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.com